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सरकारी बैंकों को निजी हाथों में देना चाहती है केन्द्र सरकार : कांग्रेस

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कांग्रेस 

कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र सरकार अब सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अब सरकारी बैंकों का पूरी तरह निजीकरण करने जा रही है।

श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार बीते आठ वर्षों में कई सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में सौंप चुकी है। यह सरकार सरकारी उपक्रमों जैसे, पीएसयू, रेलवे, हवाई अड्डे, एलआईसी सहित तमाम ऐसे सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रही है। लेकिन अब बैंकों को भी निजी हाथों में देना बहुत दुखद है। कांग्रेस केन्द्र के इस फैसले का विरोध करती है।

श्रीनेत ने कहा कि सरकारी बैंकों का देश के विकास में अहम् योगदान रहा है। यहां से किसान, गरीब, छोटे व्यापारी सहित ग्रामीणों को ऋण मिलता रहा है। देश का हर गांव इन्हीं बैंकों से जुड़ा है। यह बैंक अगर निजी हाथों में चले गए तो देश को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। इन बैंकों पर बड़े औद्योगिक घरानों का कब्जा था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पुन: इन बैंको को को निजी हाथों में देकर क्या हासिल करना चाहती है। केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिए।

श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार दावा करती है कि अग्निवीरों को चार साल बाद वह अपने पीएसयू में नौकरी देगी लेकिन जिस तरह से मोदी सरकार इन पीएसयू को बेच रही है। उससे तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में केन्द्र के पास कोई पीएसयू रह ही नहीं जाएगी।

 

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