सुनक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सभी देशों को संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए, जिसमें राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के नियम भी शामिल हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से बातचीत की। साथ ही भारत-कनाडा विवाद को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत से कूटनीतिक विवाद में कमी आएगी।
ब्रिटिश भारतीय नेता ने ट्रूडो को भारत में कनाडा के राजनयिकों से संबंधित स्थिति से अवगत कराया। सुनक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सभी देशों को संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए, जिसमें राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के नियम भी शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत-कनाडा विवाद में कमी आएगी।
सुनक ने इस पर भी सहमति जताई कि वह ट्रूडो के अगले कदम पर उनके साथ रहेंगे।
यह है मामला
गौरतलब है, हाल ही में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हुई खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारत के सरकारी एजेंट शामिल हैं। ट्रूडो के इस बयान के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित करार दिया है।
भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे जाने से रोका
दरअसल, ब्रिटेन में यह कूटनीतिक विवाद सामने आया, जब भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी को खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने पिछले सप्ताह स्कॉटलैंड के ग्लासगो गुरुद्वारा जाने से रोक दिया गया था।
उन्होंने कहा कि यह देखकर परेशान हूं कि दुरईस्वामी को गुरुद्वारा समिति के साथ बैठक करने से रोक दिया गया। वहीं, विदेश कार्यालय की मंत्री ऐनी मैरी ट्रेवेलियन ने कहा कि विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और ब्रिटेन में पूजा स्थल सभी के लिए खुले होने चाहिए।