उइगर मुसलमानों से जबरन काम करवाने का आरोप
चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को बंधक बनाकर उनसे जबरन श्रम करवाने के आरोप में अमेरिका ने यहां बनने वाले कई उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध संबंधी कानून 21 जून से प्रभावी हो गया है।
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने चीनी कंपनियों से कहा है कि शिनजियांग क्षेत्र का माल बेचने के लिए यह साबित करना होगा कि उन्होंने अपना उत्पाद तैयार करने के लिए किसी से जबरन श्रम नहीं कराया गया है। कपास और टमाटर सहित अमेरिका में शिनजियांग क्षेत्र के कई प्रोडक्ट्स को पहले ही प्रतिबंधित किया गया है। सरकार ने उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (यूएफएलपीए) को 21 जून से प्रभावी कर दिया है जो सभी आयातों पर प्रतिबंधों का विस्तार करेगा।
अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो, डेमोक्रेट सीनेटर जेफ मर्कले और दो अन्य सांसदों ने कहा है कि कांग्रेस इस ऐतिहासिक कानून को पूरी तरह से और सख्ती से लागू करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके प्रशासन के साथ काम करने के लिए तैयार है।
रिपोर्ट के अनुसार कि चीन ने शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी को नजरबंदी शिविर में रखा हुआ है कि लेकिन बीजिंग लगातार इससे इनकार कर रहा है। अमेरिकी कांग्रेस के मुताबिक अप्रैल 2017 से चीन ने शिनजियांग में दस लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को जेल में डाल दिया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन इन हजारों कैदियों से न्यूनतम मजदूरी या बिना किसी पारिश्रमिक के काम कराता है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल