राज्य सरकार ने कहा कि मणिपुर पुलिस केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से सक्रिय रूप से मामले की जांच कर रही है ताकि छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाया जा सके। साथ ही अपराधियों की पहचान की जा सके।
मणिपुर में चार से अधिक महीने से हिंसा जारी है। इस बीच, सोशल मीडिया पर जुलाई में लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं। इस पर राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मामला पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है। दोनों छात्रों की पहचान 17 वर्षीय हिजाम लिंथोइंगाम्बी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत के रूप में हुई है।
बयान में कहा गया, ‘राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि जुलाई में लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस मामले को पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है।’ बता दें, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में दो छात्र एक सशस्त्र समूह के अस्थायी जंगल शिविर के घास वाले परिसर में लेटे दिखाई दे रहे हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि मणिपुर पुलिस केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से सक्रिय रूप से मामले की जांच कर रही है ताकि छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाया जा सके। साथ ही अपराधियों की पहचान की जा सके। आगे कहा गया कि सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।
सरकार ने जनता को आश्वासन दिया है कि छात्रों के अपहरण और हत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तुरंत और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
गौरतलब है, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 170 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।