चौधरी ने कहा की संविधान की जो नई प्रतियां 19 सितंबर को हमें दी गईं, जिन्हें हमने अपने हाथों में पकड़कर नए संसद भवन में प्रवेश किया, उसकी प्रस्तावना में ‘सोशलिस्ट सेक्युलर यानी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं है।
संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन यानी आज महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा भी होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि हंगामा हो सकता है। हालांकि, इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नई संसद में मिली संविधान की कॉपी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संविधान में समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष शब्द नहीं है।
संशोधन के बाद जोड़े गए थे शब्द
चौधरी ने कहा की संविधान की जो नई प्रतियां 19 सितंबर को हमें दी गईं, जिन्हें हमने अपने हाथों में पकड़कर नए संसद भवन में प्रवेश किया, उसकी प्रस्तावना में ‘सोशलिस्ट सेक्युलर यानी समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि ये शब्द सन् 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह बहुत चिंता का विषय है। नेता ने कहा कि उन्होंने यह राहुल गांधी को भी दिखाया।
अब बोलेंगे की शुरू में जो…
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर अब कुछ बोलने की कोशिश करोंगे तो वो कहेंगे कि शुरू में जो था, वही दिया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि लेकिन उनकी मंशा अलग है। उन्होंने कहा कि हम डरे हुए हैं। हम चिंता में हैं। संविधान जो हमें दिया गया है, उसमें से समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष शब्द को बड़ी ही चालाकी से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बेहद चिंता का विषय है।
रंजन चौधरी ने कहा, ‘मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला।’