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‘श्रीमान कितनी बार यह मुद्दा उठाया जाएगा’, ईवीएम-वीवीपैट सत्यापन की तत्काल सुनवाई से अदालत ने किया इनकार

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याचिकाकर्ता एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इसे तत्काल सुना जाए, क्योंकि चुनाव आने वाले हैं। इस पर पीठ ने कहा, श्रीमान कितनी बार यह मुद्दा उठाया जाएगा? हर छह महीने में इस मुद्दे को नया बनाकर उठाया जाता है। इसलिए इसमें कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के माध्यम से मतदाताओं की ओर से डाले गए वोटों के क्रॉस-सत्यापन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई नवंबर तक स्थगित कर दी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने बुधवार को कहा, मामले में तत्काल सुने जाने जैसा कुछ नहीं है।याचिकाकर्ता एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इसे तत्काल सुना जाए, क्योंकि चुनाव आने वाले हैं। इस पर पीठ ने कहा, श्रीमान कितनी बार यह मुद्दा उठाया जाएगा? हर छह महीने में इस मुद्दे को नया बनाकर उठाया जाता है। इसलिए इसमें कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। हम इस मामले को नवंबर में सुनेंगे। शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को एनजीओ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था। तत्काल याचिका में, एनजीओ ने चुनाव पैनल और केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की है कि मतदाता ईवीएम-वीवीपीएटी से यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट रिकॉर्ड के रूप में गिना गया है।

रक्त प्राप्तकर्ता को आश्वस्त करना जरूरी कि उसे चढ़ाया गया रक्त साफ है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रक्त प्राप्तकर्ता को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि उसे जो रक्त चढ़ाया जा रहा है वह साफ है। शीर्ष अदालत ट्रांसजेंडरों, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों और महिला यौनकर्मियों को रक्त दाताओं से बाहर करने वाले 2017 के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है और इसे इस मुद्दे को उठाने वाली एक अन्य लंबित याचिका के साथ टैग कर दिया।

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