शुरुआती जांच में प्रतिबंधित संगठन दाएश (आईएसआईएस) की संलिप्तता पता चली है। पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
आईएसआईएस का हाथ
पाकिस्तान पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि हम अभी भी जांच कर रहे हैं और बाजौर विस्फोट की घटना को लेकर सूचनाएं जुटा रहे हैं। शुरुआती जांच में प्रतिबंधित संगठन दाएश (आईएसआईएस) की संलिप्तता पता चली है। पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। बम डिस्पोजल स्क्वॉड भी मौके पर सबूत जुटाने में जुटी है। खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के चीफ अख्तर हयात खान ने बताया कि विस्फोट में 10 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने बताया कि आत्मघाती हमलावर लोगों की भीड़ में आगे और मंच के करीब मौजूद था।
टीटीपी ने कही बड़ी बात
बाजौर इलाका पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर मौजूद है और तालिबान के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है। यही वजह है कि तालिबान के प्रभाव वाले इलाके में इतने बड़े हमले को लेकर काफी चर्चा है। जिस पार्टी की रैली में यह धमाका हुआ, वह जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल भी कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों की समर्थक मानी जाती है। बाजौर में हुए विस्फोट को लेकर तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने भी बयान जारी किया है। इस बयान में टीटीपी ने कहा है कि यह हमला इस्लामिक संगठनों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए अंजाम दिया गया है। बता दें कि आईएसआईएस अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
जेयूआई-एफ के कई नेताओं की मौत
हमले में जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल के कई नेताओं की मौत हुई है। हमलावर ने मंच के पास खुद को विस्फोट से उड़ाया। इस वजह से मंच पर मौजूद पार्टी के तहसील खार प्रमुख मौलाना जियाउल्लाह जान, नवागाई तहसील के पार्टी महासचिव मौलाना हमीदुल्लाह, जिला सूचना सचिव मुजाहिद खान और पार्टी के कई कार्यकर्ता इस हमले में मारे गए। हमले में घायल हुए 15 लोगों की हालत गंभीर है और इन्हें पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टर से पेशावर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की हालत देखते हुए माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।