श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भारत यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उनकी इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी। भारत ने श्रीलंका के साथ करीबी आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की है, जिसमें यह भी शामिल है कि भारत अपने आर्थिक विकास से द्वीप राष्ट्र को कैसे लाभ पहुंचा सकता है।
दक्षिण एशियाई देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि दोनों नेताओं की बैठक के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा, बिजली और बंदरगाह परियोजनाओं जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। एक साल पूर्व व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद अपने पूर्ववर्ती के पद छोड़ने पर विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके बाद से भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान वह श्रीलंका की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए की गई प्रगति के बारे में नई दिल्ली को जानकारी देंगे।
त्रिंकोमाली विकास समझौते को लेकर घोषणा संभािवत
सूत्रों के मुताबिक, यात्रा के दौरान श्रीलंका के पूर्वोत्तर तटीय शहर त्रिंकोमाली में विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौते की घोषणा की जाएगी। साथ ही अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एक और अहम समझौते की घोषणा भी होगी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की दो दिवसीय भारत यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उनकी इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी। भारत ने श्रीलंका के साथ करीबी आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की है, जिसमें यह भी शामिल है कि भारत अपने आर्थिक विकास से द्वीप राष्ट्र को कैसे लाभ पहुंचा सकता है।
अपने साप्ताहिक मीडिया संबोधन में उन्होंने कहा, हम संबंधों को एक नई गति देने के लिए इस यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। श्रीलंका से एक पड़ोसी देश होने के नाते हमारे बेहद अहम और बहुआयामी संबंध हैं। मैं बातचीत के बारे में पहले से ही अनुमान नहीं लगाना चाहता। बागची ने सुरक्षा, विकास में सहयोग और नई परियोजनाओं से जुड़े क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने श्रीलंका को उसकी आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में मदद की है।