शेयर बाजार का पूंजीकरण पहली बार 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। यह अब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब है। मार्च, 2023 में जीडीपी 3.75 लाख करोड़ डॉलर रही जबकि बाजार पूंजीकरण गुरुवार को 3.62 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत वृद्धि दिखाई है। पिछले साल से लेकर अब तक भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ी है। विदेशी निवेशक इस साल भारतीय बाजार में जमकर पैसे लगा रहे हैं। आने वाले समय में भी जीडीपी की रफ्तार तेज रहने की उम्मीद है।
20 साल में 30 गुना बढ़ा पूंजीकरण
ऐसे बढ़ी निवेशकों की पूंजी
10 लाख करोड़ 2003
50 लाख करोड़ 2007
100 लाख करोड़ 2014
200 लाख करोड़ 2021
300 लाख करोड़ 2023
नई कंपनियों का भी योगदान
हर साल नई कंपनियों की सूचीबद्धता से भी पूंजीकरण में तेजी आई है। उदाहरण के तौर पर पिछले साल एलआईसी की सूचीबद्धता से 6 लाख करोड़ पूंजी बढ़ गई। अन्य कंपनियों के भी आने से पूंजीकरण पर सकारात्मक असर पड़ा।
सेंसेक्स व निफ्टी फिर नई ऊंचाई पर
सेंसेक्स और निफ्टी बृहस्पतिवार को भी नई ऊंचाई पर पहुंचकर बंद हुए। घरेलू बाजार में लगातार विदेशी निवेश होने और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में खरीदारी से बाजार को समर्थन मिला। सेंसेक्स 339.60 अंक चढ़कर 65,785.64 के सार्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ। दिन में एक समय 386.94 अंक तक उछल गया था। निफ्टी 98.80 अंक की बढ़त के साथ 19,497.30 के अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। दिन में एक समय 113.7 अंक तक उछल गया था। बाजार में तेजी से बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 1.80 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 301.70 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई।