यूसीसी मामले में विधि आयोग भी सक्रिय हो गया है। आयोग 14 जुलाई को इस विषय पर कानूनी व विधायी मामलों के विभाग से जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा करेगा। आयोग को अब तक आम लोगों, संगठनों से करीब 8.5 लाख सुझाव हासिल हुए हैं।
दरअसल, विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार अपने इसी कार्यकाल में यूसीसी लागू करने को लेकर दृढ़ है। ऐसा हुआ तो अनुच्छेद 370 निरस्त करने, राम मंदिर निर्माण और यूसीसी, भाजपा के तीनों ऐतिहासिक वादे मोदी सरकार के इसी कार्यकाल में पूरे हो जाएंगे। एक संभावना यह जताई जा रही है कि मानसून सत्र में विधेयक पेश करने के बाद व्यापक विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति को भेज दिया जाए। बाद में, समिति की रिपोर्ट के आधार पर इसे शीतकालीन सत्र में कानूनी जामा पहनाया जाए। दरअसल विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार से व्यापक विचार-विमर्श की मांग कर रहा है। संसदीय समिति को विधेयक भेजकर सरकार इस मांग को पूरा कर देगी।
विधि आयोग सक्रिय, 14 जुलाई को व्यापक चर्चा
यूसीसी मामले में विधि आयोग भी सक्रिय हो गया है। आयोग 14 जुलाई को इस विषय पर कानूनी व विधायी मामलों के विभाग से जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा करेगा। आयोग को अब तक आम लोगों, संगठनों से करीब 8.5 लाख सुझाव हासिल हुए हैं। आयोग ने 14 जून को इस पर सभी संबंधित पक्षों, धार्मिक संगठनों और लोगों से 30 दिन में राय मांगी थी। यह समय सीमा 13 जुलाई को खत्म हो रही है। इसके ठीक एक दिन बाद आयोग ने विधायी प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है।
नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने कहा कि यूसीसी लागू होने से अल्पसंख्यकों व आदिवासियों की स्वतंत्रता व अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नगालैंड में एनडीपीपी के नेतृत्व वाली सरकार में भाजपा भी सहयोगी दल है।
3 जुलाई को संसदीय समिति की बैठक
यूसीसी पर विचार करने के लिए कार्मिक, जनशिकायत और विधि व न्याय से संबंधित संसदीय समिति 3 जुलाई को बैठक करेगी। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सभी 31 सदस्यों को बैठक की सूचना दे दी गई है।
उद्धव दे सकते हैं समर्थन
उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूसीसी पर केंद्र सरकार का समर्थन कर सकती है। हालांकि अंतिम फैसला करने से पहले उद्धव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे। पार्टी के सांसद संजय राउत ने संकेत दिया कि पार्टी हमेशा यूसीसी के समर्थन में रही है, लेकिन इस पर कोई निर्णय अंतिम मसौदा तैयार होने के बाद होगा। पार्टी के एक नेता ने कहा कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे भी इसके समर्थन में थे।
न्याय की एकरूपता ही यूसीसी का लक्ष्य : खान
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यूसीसी का समर्थन करते हुए कहा कि इस कानून का लक्ष्य न्याय की एकरूपता हासिल करना है, न कि व्यवहार की एकरूपता। उन्होंने कहा, यह किसी धर्म को निशाना नहीं बनाता, बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात करता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में शादी की परंपरा व संस्कृति अलग है। कोई भी कानून इसे निशाना नहीं बना सकता। यूसीसी लागू होने से मतभेद के समय कोर्ट यह नहीं कह सकेगा कि आप हिंदू हैं, इसलिए आप के साथ अलग व्यवहार होगा और मुस्लिम हैं तो अलग।