गौतम अदाणी के नेतृत्व वाली अदाणी पावर से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। अदाणी पावर ने झारखंड के गोड्डा में स्थित अपने 1600 मेगावाट के प्लांट से बांग्लादेश को बिजली निर्यात करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर मंगलवार को अदाणी पावर ने एक बयान भी जारी किया।
इसमें कंपनी ने कहा कि अदाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) ने अपनी 2×800 मेगावाट की गोड्डा अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की दूसरी इकाई ने कमर्शियल ऑपरेशंस शुरू कर दिए हैं।
बयान के मुताबिक, गोड्डा बिजली संयंत्र की दूसरी इकाई के कमर्शियल ऑपरेशंस परीक्षण और विश्वसनीयता परीक्षण 25 जून को पूरा हो गया था। इस मौके पर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ बांग्लादेश (पीजीसीबी) के अधिकारी भी मौजूद रहे थे। बता दें कि छह अप्रैल को, 800MW क्षमता वाले बिजली संयंत्र की पहली यूनिट ने अपनी कमर्शियल ऑपरेशंस डेट(सीओडी) हासिल कर ली थी।
बयान में कहा गया है कि गोड्डा संयंत्र से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति से पड़ोसी देश में ऊर्जा सुरक्षा और बढ़ेगी। वहीं, एपीजेएल बांग्लादेश ग्रिड से जुड़े 400 केवी समर्पित ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से 25 साल की अवधि के लिए नवंबर 2017 में निष्पादित बीपीडीबी के साथ पीपीए के तहत 2×800 मेगावाट गोड्डा यूएससीटीपीपी से 1,496 मेगावाट की शुद्ध क्षमता बिजली की आपूर्ति करेगा।
इसमें कहा गया है कि गोड्डा बिजली संयंत्र से आपूर्ति की जाने वाली बिजली तरल ईंधन से उत्पन्न महंगी बिजली की जगह बांग्लादेश की बिजली स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इसके जरिए बांग्लादेश को खरीदी गई बिजली की औसत लागत कम करने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया है कि गोड्डा यूएससीटीपीपी का चालू होना अदाणी समूह, बीपीडीबी के साथ-साथ दोनों देशों के बीच आर्थिक सह-संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अदानी पावर लिमिटेड के सीईओ एसबी ख्यालिया ने भी इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोड्डा पावर प्लांट भारत और बांग्लादेश दोस्ती के प्रतीक के रूप में काम करेगा। साथ ही इससे दोनों देशों के विविध और दीर्घकालिक संबंधों में एक नए चरण की शुरुआत होगी।
बता दें कि अदाणी पावर (एपीएल), अदाणी समूह का एक अंग है। यह भारत में सबसे बड़ा निजी ताप विद्युत उत्पादक है। कंपनी के पास गुजरात में 40 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र के अलावा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सात बिजली संयंत्रों में फैली 15,210 मेगावाट की थर्मल पावर क्षमता है।