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भारत के नैनो यूरिया से अब अमेरिकी किसान भी करेंगे संबोधित, उत्पादन को बढ़ाने सहित यह हैं फायदे

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कैलिफोर्निया स्थित कपूर एंटरप्राइज के साथ इफको ने निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उल्लेखनीय है कि नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल को पारंपरिक यूरिया के एक बोरे के बराबर क्षमतावान कहा जा रहा है।

भारत का बनाया गया नैनो यूरिया अब अमेरिका के किसान भी उपयोग करेंगे। प्रधानमंत्री की अमेरिका की राजकीय यात्रा के बीच सहकारी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इफको ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसने अमेरिका में अपनी तरह के इस खास यूरिया का निर्यात शुरू कर दिया है। इसके लिए कैलिफोर्निया स्थित कपूर एंटरप्राइज के साथ इफको ने निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उल्लेखनीय है कि नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल को पारंपरिक यूरिया के एक बोरे के बराबर क्षमतावान कहा जा रहा है। इसकी कुल 5.7 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया गया है, 5 लाख बोतलें अब तक 25 देशों को निर्यात हुई हैं। नैनो यूरिया के लिए कहा जाता है कि यह उत्पादन बढ़ाता है, जमीन में रसायनों का उपयोग व पर्यावरण प्रदूषण कम करता है और पारंपरिक यूरिया से सस्ता भी पड़ता है। इसे इफको के वैज्ञानिकों ने कई वर्षों के शोध के बाद जारी किया था। साथ ही नैनो डीएपी लिक्विड भी जारी किया गया है जो पारंपरिक डीएपी से सस्ता है।

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