भारतीय टीम को 2019 वनडे विश्व कप में सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया बारिश से बाधित मैच में हार गई थी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। टीम इंडिया के बाहर होने के बाद टीम चयन से लेकर खिलाड़ियों के निजी प्रदर्शन तक कई चीजों पर सवाल खड़े हुए। इस टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया में ऑलराउंडर विजय शंकर को शामिल किया गया था। एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली समिति ने चौथे नंबर पर खेलने के लिए शंकर को टीम में चुना था, जबकि ऐसा माना जा रहा था कि अंबाती रायुडू इस स्थान पर खेलेंगे।
विश्व कप की टीम देखने के बाद अंबाती रायुडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था। इस मामले पर जमकर विवाद हुआ और अंत में रायुडू ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। इस विवाद के बाद अंबती रायुडू फिर कभी भी भारतीय टीम की जर्सी में नजर नहीं आए। पिछले महीने चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से आईपीएल फाइनल खेलते हुए रायडू ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
एक स्थानीय मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान रायडू ने इस मामले पर खुल कर बात की और उन्होंने बताया कि उन्हें विजय शंकर से कोई परेशानी नहीं थी, बल्कि उस चयन समिति से थी जिसने चार नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले रायडू की जगह सात या आठ नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले विजय शंकर को चुना। जो कि बिल्कुल ही एक अलग श्रेणी के खिलाड़ी हैं।
रायडू ने कहा “देखिए अगर वह रहाणे या वैसे किसी अनुभवी बल्लेबाज को मेरी जगह चुनते तो बात समझ भी आती है, हर कोई चाहता है की भारत जीते। उन्होंने मुझे जिस भी वजह से नहीं चुना मैं नहीं जानता, यह वही जानते हैं। लेकिन अगर मेरी जगह किसी को मौका दे रहे हैं तो वह टीम के लिए मददगार तो साबित हो। वहां मुझे बहुत गुस्सा आया, यह विजय शंकर से संबंधित नहीं हैं, वह इसमें क्या कर सकते हैं, वह बस अपना क्रिकेट खेल रहे थे। मुझे समझ नहीं आया की वह (चयनकर्ता) विश्व कप के लिए टीम चुन रहे थे या कोई साधारण लीग मैच के लिए।”
रायुडू ने आगे कहा “टीम का चयन किसी एक इंसान का काम नहीं है, जैसे की कुछ मैनेजमेंट के लोग होते हैं शायद उनकी वजह से। जैसे हैदराबाद में एक सदस्य हैं। शायद वह मुझे पसंद नहीं करते या शायद कुछ बीती घटनाओं के कारण वह मुझे अलग नजरिए से देखते हों। तो मेरा करियर में इसी तरह के लोगों का आना-जाना लगा रहा।”
रायडू ने आगे उनके 3डी ट्वीट को लेकर कहा “हर कोई विजय शंकर के पीछे पड़ गया, मेरी वैसी मंशा बिल्कुल भी नहीं थी, मैं उनकी मानसिकता और विचारों को समझ ही नहीं सका। अगर आपने मेरी बजाए किसी और को चुनने का निर्णय लिया भी, तो आप कोई मेरी श्रेणी के बल्लेबाज का चयन करते। आप ऐसे-कैसे किसी छह या सात नंबर के खिलाड़ी को नंबर चार पर खिला सकते हैं। मेरा विजय शंकर या एमएसके प्रसाद से कोई निजी मनमुटाव नहीं हैं। मैंने विश्व कप से पहले भी न्यूजीलैंड में उन्हीं परिस्थितियों में खेला था, मैं विश्व कप की अच्छी तैयारी कर रहा था। इसका जवाब सिर्फ वही लोग ही दे सकते हैं।”