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पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रमुख का दावा, पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हुआ हिंदुओं का धर्मांतरण

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आयोग की टीम इस साल फरवरी में पश्चिम बंगाल के दौरे पर गई थी। इस दौरान जांच में चौंकाने वाले ये तथ्य सामने आए हैं। आयोग को यह जानकारी राज्य की संस्था कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट-सीआरआई से मिली है।

राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने पश्चिम बंगाल में ओबीसी आरक्षण को लेकर समीक्षा कराने का निर्णय किया है। आयोग के मुताबिक, राज्यों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर मची होड़ के बीच प. बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदू धर्म बदलकर मुस्लिम बन गए हैं। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने बांग्लादेश से आए मुसलमानों को भी ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल किया है।

आयोग की टीम इस साल फरवरी में पश्चिम बंगाल के दौरे पर गई थी। इस दौरान जांच में चौंकाने वाले ये तथ्य सामने आए हैं। आयोग को यह जानकारी राज्य की संस्था कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट-सीआरआई से मिली है। इसके मुताबिक, राज्य में ओबीसी आरक्षण को दो भागों में बांटा गया है। इसमें कुल 179 जातियों को ओबीसी में शामिल किया गया है। इसमें ए वर्ग में अति पिछड़ों को रखा गया है। इसमें 89 में से 73 मुसलमान और कुल आठ हिंदू जातियां हैं। वहीं बी श्रेणी में पिछड़ी जातियों को रखा गया है, इसकी सूची में कुल 98 जातियां है। जिसमें 53 हिंदू और 45 मुसलमान जातियां हैं।

केंद्रीय सूची में शामिल करने की भी सिफारिश
आयोग के मुताबिक, प. बंगाल सरकार ने कई वर्गों को केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए भी सिफारिश भेजी है। इसमें राज्य ने आयोग को प्रस्ताव भेजा है।

पंजाब ने भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का किया अनुरोध
आयोग के मुताबिक, पंजाब ने भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए अनुरोध किया है। पंजाब में इसे 12 से 25 फीसदी किया जाएगा। राज्य सरकार ने यादवों को भी ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की है। बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने बताया कि देशभर के राज्यों से ऐसी सिफारिशें आ रही हैं।

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