उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। लेकिन बाद में वह मुकर गया।
उधर, उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। ये वादा उसने उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाए जाने के लिए बरेली जेल से प्रयागराज की अदालत में आने के दौरान किया था।
हालांकि जैसे ही वह बरेली वापस जाने के लिए पुलिस की वैन पर सवार हुआ, वह मुकर गया। वह रास्ते भर वैन में सवार पुलिसकर्मियों को धमकाता रहा। उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि वह किसी भी हाल में शूटरों को पुलिस को नहीं सौंपेगा।
असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंकी
अशरफ की इस हरकत के बारे में जैसे ही पुलिस अधिकारियों को पता चला, उनको आभास हो गया कि अशरफ उनको झांसा देकर असद और शूटरों के बचते रहने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गयी। असद और गुलाम का पीछा कर रही एसटीएफ की टीम को दोनों के झांसी में सतीश पांडेय के घर पर छिपे होने की सूचना मिली जिसके बाद उनको घेर लिया गया।