एनकाउंटर में मारा गया अतीक अहमद का बेटे असद का जुर्म का सफर महज चंद महीनों का रहा। दरअसल उमेश पाल हत्याकांड से पहले तक उसका नाम कभी सामने नहीं आया। लेकिन पिछले साल बड़े भाई अली के जेल जाने के बाद से वह गैंग का आका बन बैठा था। गुर्गों को हुक्म देने के साथ ही उसने अतीक-अशरफ के जमीन कब्जाने, रंगदारी मांगने समेत तमाम धंधों काे भी संभाल लिया था।
सूत्रों का कहना है कि अतीक के पांच बेटों में तीसरे नंबर का असद किसी से बहुत बातें नहीं करता था। परिवार या बाहर भी वह लोगों से जल्दी घुलता मिलता नहीं था। यही नहीं परिवार में भी चुपचाप ही रहता था। हालांकि पिछले साल जून से उसके हावभाव अचानक बिल्कुल बदल गए थे। यह बदलाव बड़े भाई अली के पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में आत्मसमर्पण कर जेल जाने के बाद आया था। सूत्र बताते हैं कि अली के जेल जाने के बाद से असद ने अतीक गैंग की कमान संभाल ली थी।
रंगदारी वसूलने का काम ले लिया था अपने हाथ में
वह खुद को सरगना बताने लगा था। अतीक के जो भी करीबी थे, उनके साथ मिलना-जुलना भी उसने बढ़ा दिया था। अतीक या अशरफ के आदेश का हवाला देकर वह उनसे काम कराने लगा था। अतीक की तरह ही वह गुर्गों को हुक्म भी देता था। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि गैंग के रंगदारी वसूलने से लेकर अन्य धंधों को भी उसने अपने हाथ में ले लिया था। कब, किससे, कैसे रुपये मांगने हैं, यह वह ही तय करता था।