केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विदेश व्यापार नीति 2023 का अनावरण किया। ये नई विदेश व्यापार नीति एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। इस दौरान सरकार ने बताया है कि जीडीपी की ग्रोथ सात फीसदी रहने वाली है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष 760 से 770 बिलियन डॉलर तक का निर्यात हो सकता है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में 25 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ। सरकार का उद्देश्य ये भी है कि साल 2030 तक निर्यात का ये आंकड़ा दो ट्रिलियन डॉलर से अधिक किया जाए।
विदेश व्यापार नीति में और क्या है खास?
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- नई विदेश व्यापार नीति को इंसेंटिव रिजीम से रिमीशन रिजीम की तरफ ले कर जाने का प्रयास किया गया है।
- लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (MSME) के लिए आवेदन शुल्क को 50-60% कम किया गया है।
- निर्यात को मान्यता के लिए थ्रेशोल्ड को कम किया गया है।
- सबसे खास यह है कि भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। खासतौर पर उन देशों से जो डॉलर की कमी या फिर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
- नई विदेश व्यापार नीति में 39 Towns of Export Excellence (TEE) में चार नए शहरों को जोड़ा गया है। इसमें फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल है।
पांच साल के लिए लाई गई पॉलिसी
कोरोना के चलते 2020 के बाद अब जाकर नई विदेश व्यापार नीति लाई गई है। ये नीति अगले पांच साल के लिए होगी। DGFT संतोष सारंगी ने कहा कि इस पॉलिसी के जरिए निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वहीं ODOP के लिए विशेष प्रयोजन किया जाएगा। इसके अलावा ई कॉमर्स, नए एक्सपोर्ट हब तैयार किए जाएंगे।
कंपिटेटिव और क्वालिटी एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए इन्सेंटिव भी देने का प्रावधान किया गया है। अलग से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा। इसके अलावा SEZ को अपग्रेड और मोडिफाई कर ‘देश’ (DESH: Development of Enterprise and Services Hub) बनाया जाएगा।
2200-2500 करोड़ की योजना तैयार हुई
नई विदेश व्यापार नीति के तहत पहले चरण के लिए 2200-2500 करोड़ की योजना तैयार की गई है। मंत्रालय इसको बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार कर चुका है। हर जिले में एक्सपोर्ट हब बनाया जाएगा। निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से हर जिले में एक्सपोर्ट प्रमोशन कमिटी बनाई गई है।
DGFT संतोष सारंगी ने कहा कि नई नीति के आने से MSMEs के विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव होंगे। सरकार कई देशों से ट्रेड एग्रीमेंट्स कर रही है। इसके साथ ही दिवाली तक कनाडा के साथ FTA की बात की जा रही है। विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए विभाग में कई बदलाव किए जाएंगे। इसमें कॉर्पोरेट जगत के लोगों को शामिल किया जाएगा। संबन्धित सेक्टर के एक्सपर्ट नीति निर्माण का हिस्सा होंगे।
समय के साथ अपडेट होगी पॉलिसी
DGFT संतोष सारंग ने कहा कि इस विदेश व्यापार नीति 2023 को समय-समय पर जरूरत के हिसाब से अपडेट किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि डेयरी क्षेत्र को औसत निर्यात दायित्व बनाए रखने से छूट दी जाएगी। इसके अलावा कपड़ों पर विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजना का विस्तार होगा। ई-कॉमर्स निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भी ये पालिसी कारगर साबित होगी। इसके जरिए मंत्रालय ने 2023 तक 200-300 अरब अमेरिकी डॉलर तक निर्यात बढ़ने की उम्मीद जताई है। विदेश व्यापार नीति ने निर्यात दायित्व में चूक के एकमुश्त निपटान के लिए एमनेस्टी योजना पेश की। कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा पांच लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी गई है। DGFT संतोष सारंगी का कहना है कि 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर के निर्यात तक पहुंचने के उद्देश्य के साथ काम किया जाएगा