काशी में सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हनुमान जी के दिन शुभ दिन मंगलवार को वाराणसी के मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में 100 से ज्यादा महिला और पुरुष भक्तगणों ने बजरंगबली से प्रार्थना किया कि ऐसे पापियों और मंदबुद्धि वाले नेताओं को बुद्धि खुले। हाथों में पोस्टर और पंपलेट लेकर सनातन धर्म का विरोध बंद करो और जय हनुमान के जयघोष लगाए। कहा कि विरोधी पहले काशी के गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रामचरित मानस को पढ़कर उसका भावार्थ समझे। फिर, टिप्पणी नहीं करेंगे।
बता दें कि इन दिनों लगातार यूपी-बिहार के नेता श्रीरामचरित मानस पर लगातार अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद ने मानस को बकवास ग्रंथ बताया। इसी को लेकर काशी में लोगों का गुस्सा फूटा हुआ है।
धर्म पर तभी बोलो, जब उसकी स्टडी की हो
सुमित सराफ ने कहा कि सनातन धर्म पर प्रहार के खिलाफ हम लोग मंगलवार को हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए हैं। उनसे प्रार्थना की कि आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को सद्ब़द्धि मिले। धर्म पर बात तभी होनी चाहिए, जब आपको उसके बारे में कुछ पता होना चाहिए। रामचरित मानस हम लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा देती है। हिंदू सनातन धर्म श्रीराम चरितमानस पर कोई भी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
राजनीति के चक्कर में अपने ही धर्म पर सवाल
सोमवार को भी वाराणसी में अलग-अलग जगहों पर स्वामी प्रसाद के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। अखिल भारतीय अखाड़ा संत समिति के महामंत्री से लेकर आम हिंदू संगठनों ने विरोध जताया था। कल वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर हिंदू सनातन रक्षक सेना ने स्वामी प्रसाद मौर्या के विरोध में नारेबाजी की थी। कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी दी है। राजनीति के चक्कर में उन्होंने अपने ही धर्म पर घोर आपत्तिजनक बातें कहीं हैं।