आतंक को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकियों से जूझ रहा है। ताजा घटनाक्रम में उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान टीटीपी कमांडर समेत दस आतंकी मारे गए। सुरक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सूत्र ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिले की सीमा से लगे अशांत लक्की मारवत जिले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में टीटीपी कमांडर टीपू और दस अन्य आतंकी मारे गए।
सूत्र ने कहा कि भीषण मुठभेड़ में कुछ सुरक्षा बलों के भी हताहत होने की खबर है, लेकिन खबर लिखे जाने तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। अफगान सीमा से आने वाले टीटीपी लड़ाकों कों सुरक्षा बलों ने घेर लिया था, जिसके बाद गोलीबारी हुई। कथित तौर पर आतंकी पूरी तरह से यूएस नाइट विजन डिवाइसेस (एनवीडी) उपकरण और भारी हथियारों से लैस थे।
स्वतंत्र रिपोर्टों के अनुसार, टीटीपी, जो पूरे पाकिस्तान में शरिया के शासन की मांग करता है, ने पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम समझौते को समाप्त करने की घोषणा की है। टीटीपी ने अपने एक बयान में कहा कि वह मुजाहिदीन (आतंकियों) के खिलाफ अलग-अलग इलाकों में चल रहे सैन्य अभियान की वजह से यह कदम उठाया है।
टीटीपी की स्थापना 2007 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य पूरे पाकिस्तान में इस्लाम के अपने सख्त ब्रांड को लागू करना है। टीटीपी को पाकिस्तान तालिबान के रूप में भी जाना जाता है।