ठंड के मौसम में बरसीम पौष्टिक चारे का उत्तम स्रोत है। इसमें रेशे की मात्रा कम और प्रोटीन की औसत मात्रा 20 से 22 प्रतिशत होती है। यह जानकारी रविवार को डेयरी एवं पशुपालन विभाग विभाग के प्रोफेसर पी.के. उपाध्याय ने दी।
उन्होंने आगे बताया कि बरसीम की पाचन शीलता 70 से 75 प्रतिशत होती है। इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम और फास्फोरस की भी मात्रा काफी होती है। जिससे दुधारू पशुओं को बरसीम के साथ अलग से खली—दाना देने की आवश्यकता कम पड़ती है।
उन्होंने बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि प्रथम कटाई के दौरान कम उपज मिलती है, परन्तु दूसरी और तीसरी कटाई के समय सबसे अधिक उपज मिलती है। किसान बरसीम उपलब्धता के कारण पशुओं को अधिक खिला देते हैं और नुकसान उठाते हैं|
सूखे चारे के साथ ही पशुओं को दें बरसीम
प्रोफेसर उपाध्याय ने बताया कि बरसीम अधिक खाने से पशुओं में अफारा रोग हो जाता है। इसलिए सूखे चारे के साथ मिलाकर खाएं या पहले सूखा चारा फिर बरसीम खिलाएँ। बरसीम की बुआई के समय ही यदि इसके बीज के साथ जई और गोभी, सरसों के बीज मिलाकर बोया जाय तो इससे न केवल अधिक मात्रा में हरा चारा प्राप्त होगा। बल्कि पशु को अफारा रोग की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा और चारे की पौष्टिकता, पाचकता भी बढ़ जाएगी |