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एचआईवी पर नियंत्रण के लिए जागरूकता जरुरी: सिविल सर्जन

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प्रतीकात्मक तस्वीर

जिले में 5975 एचआईवी के संक्रमितों की हुई पहचान

-सर्वाधिक संक्रमित सुगौली, घोड़ासहन व मोतिहारी सदर व ढ़ाका प्रखंड क्षेत्र में

-नेपाल के सीमावर्ती प्रखंडों मे भी तेजी से हो रहा फैलाव

जिले में एचआईवी संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।यह बहुत ही गंभीर समस्या है। इसका सबसे बड़ा कारण युवाओं और व्यस्कों के बीच जागरूकता का अभाव होना है।जिस कारण लापरवाही से इसका फैलाव हो रहा है।

उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताते हुए कहा कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है। जिससे मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है।ऐसे में साधारण बीमारी भी भयावह रूप लेकर व्यक्ति को मौत की ओर धकेल देता है।

उन्होंने बताया कि इस रोग का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाने,एचआईवी संक्रमित की रक्त चढ़वाने,संक्रमित सीरिंज के इस्तेमाल करने या एचआईवी संक्रमित माता-पिता से होता है। संक्रमण के बाद सही समय पर उपचार नहीं होने के कारण यह आगे चलकर एड्स का रूप धारण कर लेता है। इसलिए एचआईवी के संक्रमण का रोकथाम बहुत जरुरी है।

एसीएमओ डॉ रणजीत राय ने बताया कि जिले में एचआईवी के 5975 संक्रमित चिन्हित किये गये है।जो इलाजरत है और दवा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार मरीजों की जानकारी गोपनीय रखकर उनका निःशुल्क इलाज किया जाता है। एचआईवी पॉजिटिव मिलने पर मरीजों को सदर अस्पताल के एआरटी केन्द्र भेज दिया जाता है। एड्स काउंसलर मोनिका ओजस्विता ने बताया कि जिले में संक्रमितों में 60 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाएं व 15 प्रतिशत युवा व ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

उन्होंन बताया कि हाल में ही किये गये सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में पॉजिटिव की संख्या में वृद्ध हो रही है।वहीं बाहर से आये मजदूर भी संक्रमण लेकर आ रहे हैं।सदर अस्पताल के एचआईवी एड्स काउंसलर मिथलेश कुमार ने बताया कि एचआईवी से बचाव के लिए स्कूलों, कॉलेजों में जन जागरूकता अभियान चलाना बहुत जरूरी है।

उन्होंने बताया कि किशोर, किशोरी कम उम्र में ही मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके कारण वे समय से पहले मानसिक रूप से युवा हो रहे हैं।12 से 16 वर्ष के बच्चों की शिनाख्त की गई है जो एचआईवी एड्स से पीड़ित हैं। इनमें सबसे ज्यादा सुगौली, घोड़ासहन व मोतिहारी सदर प्रखंड ढ़ाका क्षेत्र के हैं। उन्होने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। क्योंकि ज्यादा चिंता और तनाव स्थिति उनके लिए घातक हो सकता है।ऐसे में मरीज का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। उन्हें स्वस्थ रहने के लिए दोस्तों और परिवार वालों से बात करते रहना चाहिए। अकेलापन से बचना चाहिए। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति संतुलित आहार का सेवन करें। तनाव मुक्त रहें इसके लिए नियमित तौर पर योग और व्यायाम करें। प्रतिदिन दौड़ना, पैदल चलना, तैरना,साइकिल चलाना शुरू करना चाहिए।

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