प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन प्रवास पर रहेंगे। वे यहां 800 करोड़ से अधिक की लागत से बन रहे महाकाल लोक (पहले फेज) का लोकार्पण कर इसे श्रद्धालुओं को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। शहर को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। महाकाल लोक के लोकार्पण के दौरान अलग-अलग प्रदेशों की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलेगी। इसके लिए मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल सहित 6 राज्यों की टीम उज्जैन दो दिन पहले ही पहुंच चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को शाम 6 बजे के करीब महाकाल मंदिर पहुचेंगे और गर्भगृह से दर्शन कर ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वे 6.30 बजे महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान 200 संत भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान वे संतों से मुलाकात भी करेंगे। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री करीब 40 मिनट मंदिर में रहेंगे। इस दौरान वे गर्भगृह में पूजन तथा नंदी मंडपम में बैठकर ध्यान लगाएंगे। प्रधानमंत्री परिसर में भी जा सकते हैं। इसको लेकर तैयारी की जा रही है।
इसके बाद पीएम महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे। हालांकि, अभी तक के कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक व्हीकल से अवलोकन करने जाएंगे, लेकिन कुछ जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए प्रधानमंत्री गाड़ी से उतरकर कुछ दूर पैदल चलकर जायजा ले सकते हैं। इस दौरान करीब 700 कलाकार महाकाल लोक में अलग-अलग स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे।
प्रधानमंत्री के महाकाल अवलोकन के दौरान मध्यप्रदेश की मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, झारखंड के ट्राइबल एरिये से आए कलाकार भस्मासुर, केरल के कलाकार कथक और आंध्र प्रदेश के कलाकार कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। सभी कलाकार उज्जैन पहुंच चुके हैं और अब प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुति देने के लिए अंतिम रिहर्सल कर रहे हैं। झारखंड के जनजातीय क्षेत्र से आए 12 कलाकार अपनी सांस्कृतिक परम्परा भस्मासुर की प्रस्तुति देंगे। भावेश कला केंद्र खरसावां से टीम दो दिन पहले उज्जैन पहुंच चुकी है। इसमें परमानंद, मछावा, सोनू लोहार, सुखराम, सोनिया, सुमि नमक कलाकार महाकाल लोक में अंतिम दौर की रिहर्सल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर मंदिर में तैयारी अंतिम दौर में है। गर्भगृह में चांदी के दीवार की सफाई हो चुकी है। कोटितीर्थ कुंड तथा परिसर के मंदिरों में रंग रोगन किया गया है। मंदिर में आकर्षक लाइटिंग की जा रही है। मंदिर में पुष्प सज्जा का काम भी सोमवार से शुरू हो गया है। उज्जैन व इंदौर के पुष्प डेकोरेटर मंदिर में नयनाभिराम पुष्प सज्जा करने में जुटे हुए हैं। महाकाल दर्शन के समय केवल प्रधानमंत्री गर्भगृह में रहेंगे। शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा तथा एक सहयोगी पुजारी पूजा अर्चना कराएंगे।
प्रधानमंत्री के महाकाल दर्शन करने के दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। प्रशासन ने शनिवार से ही मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। मंगलवार को सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी हो जाएगी।