Search
Close this search box.

मन की बातः सांकेतिक भाषा के विकास से दिव्यांगों को मिल रहा लाभ : प्रधानमंत्री मोदी

Share:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में ‘भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र’ के सांकेतिक भाषा विकास की दिशा में किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में सांकेतिक भाषा विकास के लिए देश में चले अभियान से लाखों दिव्यांग भाई-बहनों को लाभ मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 93वें संस्करण में कहा कि भारत में बरसों से सांकेतिक भाषा के हाव-भाव तय करने के लिए कोई स्पष्ट मानक नहीं थे। इन मुश्किलों को दूर करने के लिए 2015 में ‘भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र’ की स्थापना की गई। यह हर्ष का विषय है कि संस्थान अब तक दस हजार शब्दों और अभिव्यक्ति की डिक्शनरी तैयार कर चुका है। 23 सितंबर को सांकेतिक भाषा दिवस पर कई स्कूली पाठ्यक्रमों को भी सांकेतिक भाषा में लांच किया गया।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ब्रेल लिपि में असमिया भाषा के शब्दकोश ‘हेमकोष’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हेमकोष असमिया भाषा की सबसे पुरानी डिक्शनरी है। इसे 19वीं शताब्दी में तैयार किया गया था। इसका संपादन प्रख्यात भाषाविद हेमचंद्र बरुआ ने किया था। हेमकोष का ब्रेल संस्करण करीब दस हजार पन्नों का है और यह 15 खंडों में प्रकाशित होने जा रहा है। इसमें एक लाख से भी अधिक शब्दों का अनुवाद होना है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news