विधानसभा में बृहस्पतिवार को महिलाओं के मुद्दे पर कराई गई विशेष चर्चा में पक्ष और विपक्ष की महिला विधायकों ने भले ही अपनी पार्टी लाइन पर ही बोला हो, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस विशेष चर्चा में महिलाओं की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाएं खुद को सिर्फ एक दिन की चर्चा तक ही सीमित न रखें, बल्कि अगले सत्र में वे खुद अपनी भागीदारी बढ़ाएं। सवाल पूछें, विकास, अर्थव्यवस्था और ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों से कराई गई विशेष चर्चा का संदेश पूरे देश में गया है। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आएंगे। महाना ने कहा कि अब तक यह कहा जाता था कि महिलाएं सदन में नहीं बोलती हैं, लेकिन प्रदेश की महिला सदस्यों ने इस मिथक को तोड़ दिया है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि महिलाएं जनप्रतिनिधि तो चुनी जाती हैं, लेकिन ज्यादातर महिला विधायकों के स्थान पर उनके पति, भाई, पुत्र और पिता काम करते हैं। इस परंपरा को खत्म करने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा। उन्होंने महिला सदस्यों से सरकार के कामों का मूल्यांकन बिना भेदभाव के करने की अपील की।
मुझे आवाज उठाने दो…
भाजपा की अनुपमा जायसवाल ने शायरी के माध्यम से जहां महिलाओं के शौर्य की याद दिलाई। कहा, ‘मुझे आवाज उठाने दो, हाशिये से उठकर मुख्य पटल पर आने दो, आखिर कितनी परीक्षाएं लोगे, मुझे भी आजमाने दो’। उन्होंने योगी सरकार की योजनाओं से महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
हर क्षेत्र में मिले महिलाओं को आरक्षण
मछली शहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि जबतक महिलाओं का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 403 सदस्यीय इस विधानसभा में मात्र 47 महिला विधायकों का चुना जाना यह बताता है कि अभी भी महिलाओं को उतनी भागीदारी नहीं दी जा रही है, जितनी मिलनी चाहिए। उन्होंने सरकार से हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए आरक्षण मांगा।
भावुक हुईं महाराजी प्रजापति
चर्चा के दौरान जब अमेठी की सपा विधायक महराजी प्रजापति की बारी आई तो उन्होंने अपने पति व पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का मुद्दा उठाया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि उनके पति के साथ अत्याचार किया जा रहा है। उनके साथ आरोपी बनाए गए सभी लोगों की जमानत हो गई है, लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी जा रही है। उनकी तबीयत खराब है। बच्चों की शादी तक नहीं हो पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षमा याचना करते हुए कहा यदि मेरे पति से कोई गलती हुई है तो अब उन्हें क्षमा कर दें। सरकार उन्हें जमानत दिलाने में मदद करे।
महिला सदस्यों को दिया टैबलेट
विशेष चर्चा में विभिन्न दलों की महिला विधायकों ने भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा में भाग लेने वाली महिला विधायकों को टैबलेट देकर सम्मानित किया। चौथे दिन 8.12 घंटे तक चली विधानसभा की कार्यवाही में 4.59 घंटे तक सिर्फ महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा हुई। दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर शुरू हुई चर्चा शाम 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हुई। इसमें भाजपा की 24, सपा की 10, अपनादल (एस) की तीन और कांग्रेस की एक समेत कुल 38 महिला विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने अधिष्ठाता के रूप में भाजपा की डॉ. मंजू शिवाच व अनुपमा जायसवाल के अलावा सपा विधायक सैय्यदा खातून को मौका दिया।
इन्होंने लिया चर्चा में हिस्सा
भाजपा : अनुपमा जयसवाल, अर्चना पांडेय, अंजुला सिंह माहौर, गुलाब देवी, डॉ. मंजू शिवाच, मनीषा, मुक्ता संजीव राजा, मीनाक्षी सिंह, रानी पक्षालिका सिंह, कृष्णा पासवान, सरिता भदौरिया, अलका सिंह, अदिती सिंह, नीलमा कटियार, जय देवी, केतकी सिंह, ओममणी वर्मा, रजनी तिवारी, मंजू त्यागी, पूनम शंखवार, आशा मौर्या, सलोना कुशवाहा, राजबाला सिंह व प्रतिभा शुक्ला।
सपा : डॉ. रागिनी सोनकर, पूजा, सैय्यदा खातून, ऊषा मौर्या, पूजा पाल, महारानी प्रजापति, गीता शास्त्री, इंद्राणी देवी, विजमा यादव व रेखा वर्मा।
अपना दल (एस) : डॉ, सुरभि, डॉ रश्मि आर्या व सरोज कुरील
कांग्रेस : आराधना मिश्रा ‘मोना’
महिलाओं के लिए हुई विशेष चर्चा को देखने व सुनने के लिए दर्शक दीर्घा में भी सिर्फ महिलाओं को ही बैठाने की व्यवस्था थी। कानपुर से छात्राओं को विशेष रूप से बुलाया गया था। बड़ी संख्या में महिला डॉक्टरों को भी बैठाया गया था। अधिकारी दीर्घा में भी पीसीएस व आईएएस महिला अधिकारियों को ही बैठाया गया था।
सदन के इतिहास में महिला जन प्रतिनिधियों को पहली बार ऐसा मौका मिला है। मैं सत्ता व प्रतिपक्ष दोनों तरफ बैठकर कार्यप्रणाली देख चुकी हूं। आज सरकार की कई योजनाएं महिलाओं के हित में हैं। ओडीओपी योजना से खत्म हो रहे हुनर संरक्षित हो रहे हैं। इनमें काम करने वाली अधिकांश महिलाएं हैं। सुरक्षा बलों में पहली बार महिलाएं शामिल हुई हैं।
– अदिति सिंह, भाजपा
महिला सशक्तीकरण के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। आज सुरक्षित माहौल में महिलाएं हैं। परिवार, समाज की धुरी प्रदेश की धुरी बनी हैं। अमृत महोत्सव काल में महिलाओं के सम्मान की बात हो रही है। जिस सरकार की पहली कैबिनेट से एंटी रोमियो स्क्वाड का संदेश गया है। उसके कार्यकाल में आज क्राइम का स्वरूप बदला है। साइबर क्राइम पर प्रभावी कार्यवाही की सेल गठित हुई हैं। 600 से अधिक फास्ट ट्रैक कोर्ट में 200 से अधिक यूपी में हैं। तीन तलाक से 80 फीसदी अंकुश लगा है। भ्रूण हत्या पर रोक लगी है। आज सारी वर्जनाएं तोड़ दी गई हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़ रही हैं। -नीलिमा कटियार, भाजपा
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर सरकार लगातार काम कर रही है। सबको शिक्षा, सबको रोजगार के लिए काम हो रहा है। मेरा मलिहाबाद क्षेत्र बहुत पिछड़ा है। सदन से अनुरोध है कि महिला विद्यालय व अस्पताल क्षेत्र के लिए देने का कष्ट करें। – जय देवी, भाजपा
सपा सरकार में महिलाओं के लिए कई कार्य हुए। कन्या विद्या धन जैसी योजनाएं शुरू हुईं। महिलाओं को पार्लियामेंट में भेजा। 1090 की शुरुआत हुई। आज भिनगा विधानसभा में हमारे यहां बिजली कटौती बड़ी समस्या है। बच्चियों को तेंदुआ खा लेता है, उन्हें मुआवजा नहीं मिलता। मोतीपुर कला की दो बच्चियों को भी मुआवजा मिले।
– इंद्राणी देवी, सपा
अपना दल एस वो पार्टी है, जिसकी अध्यक्ष खुद महिला हैं। आज महिलाएं कई प्रमुख पदों पर हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू हैं। मैं ऐसे भारत का सपना देख रही हूं, जहां महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ें। आज कई योजनाएं महिला उत्थान की चल रही हैं। – सरोज पुरी, अपना दल
अमृत काल के जो सपने पूरे होने हैं, उसमें महिला शक्ति जुड़ जाएगी तो और मजबूती मिलेगी। आज पक्ष, विपक्ष दोनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बात रखी। सभी महिला सदस्यों के मन में मोदी, योगी के लिए सम्मान है। वैसे लोग सिर्फ चुनाव में महिला मुद्दे उठाते रहे हैं। सरकार में आने पर वो लोग वायदे भूल जाते थे। उन्होंने संविधान का पालन कभी नहीं किया। -रजनी तिवारी
शक्ति नारी खाली कागज पर है। बेटियों का सड़क पर रेप हो जा रहा है। शक्ति नारी गांव में पिछड़ी है। नारी का सम्मान मुलायम सरकार में मिला था। समाजवादी सरकार में गरीब की बेटी को लैपटॉप मिला। मेरे मांग का सिंदूर मिटाया गया, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला।
– नीलमा यादव, सपा
भारत माता की जय। सारी महिलाओं को इस मौके के लिए बधाई। बेटी है तो कल है, के नारे से सरकार काम कर रही है। हर महिला चाहती है कि मोदी, योगी की सरकार बने। वर्ष 2014 में रात में सड़क पर निकलने पर खुले में शौच करने वालों को देखकर खराब लगता था। आज शौचालय बन गए हैं। कई अन्य कार्य हुए हैं। – मंजू त्यागी, भाजपा
नारी गौरव है, सम्मान है। नारी सशक्तीकरण के तहत कई योजनाएं सरकार चला रही है। आज हमारे समाज में लिंगानुपात चिंताजनक है। इस पर सरकार बेटियों की सुरक्षा के हर संभव प्रयास कर रही है। उज्ज्वला योजना से महिलाओं का ख्याल रखा जा रहा है। महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। – पूनम शंखवार, भाजप
आजादी के बाद अब महिलाओं को सदन में इस तरह बोलने का मौका मिला है। आज 47 महिलाएं यहां पहुंची है। वहीं परिषद में 6 सदस्य हैं। आज कई प्रमुख पदों पर महिलाएं आसीन हैं। राष्ट्रपति, राज्यपाल इन्हीं में से हैं। आज महिलाएं खुद को काफी सुरक्षित महसूस कर रही हैं। मिशन शक्ति के तहत कई योजनाएं शुरू हुई हैं। स्वयं सहायता समूह से रोजगार मिल रहा है।
– आशा मौर्या, भाजपा
हमें महिलाओं से जुडी रूढ़िवादिता तोड़नी है। आज मुद्दा महिलाओं को बढ़ाने का है। सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। – सलोन कुशवाहा, बीजेपी
सपा सदस्यों के साथ विधानसभा सत्र के पहले दिन 19 तारीख को जो हुआ वो ठीक नहीं हुआ। हमें बराबर की नजर से देखा जाए। आज सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। डबल इंजन सरकार आज फेल है। विधूना से में पहली विधायक हूं। – रेखा वर्मा, सपा
पहले किसानों, गरीबों को झुनझुना थमाया जाता था। जब तक सुरक्षा की भावना न हो तब तक सशक्तीकरण की बात कहना गलत है। पहले बहन, बेटियों का घर से निकलना कठिन था। शिक्षा के क्षेत्र में भी कई योजनाएं बहन, बेटियों के लिए हैं। रामपुर जिले से हूं। रामपुर लोकसभा की जीत बताती है कि कैसा माहौल चल रहा है। – राजबाला, बीजेपी