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विधानसभा में महिलाओं के लिए विशेष सत्र : सतीश महाना ने कहा, अगले सत्र से महिलाएं खुद भागीदारी सुनिश्चित करें

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यूपी विधानसभा में महिलाओं के लिए विशेष सत्र

विधानसभा में बृहस्पतिवार को महिलाओं के मुद्दे पर कराई गई विशेष चर्चा में पक्ष और विपक्ष की महिला विधायकों ने भले ही अपनी पार्टी लाइन पर ही बोला हो, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस विशेष चर्चा में महिलाओं की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाएं खुद को सिर्फ एक दिन की चर्चा तक ही सीमित न रखें, बल्कि अगले सत्र में वे खुद अपनी भागीदारी बढ़ाएं। सवाल पूछें, विकास, अर्थव्यवस्था और ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों से कराई गई विशेष चर्चा का संदेश पूरे देश में गया है। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आएंगे। महाना ने कहा कि अब तक यह कहा जाता था कि महिलाएं सदन में नहीं बोलती हैं, लेकिन प्रदेश की महिला सदस्यों ने इस मिथक को तोड़ दिया है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि महिलाएं जनप्रतिनिधि तो चुनी जाती हैं, लेकिन ज्यादातर महिला विधायकों के स्थान पर उनके पति, भाई, पुत्र और पिता काम करते हैं। इस परंपरा को खत्म करने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा। उन्होंने महिला सदस्यों से सरकार के कामों का मूल्यांकन बिना भेदभाव के करने की अपील की।

मुझे आवाज उठाने दो…

यूपी विधानसभा में महिलाओं के लिए विशेष सत्र

भाजपा की अनुपमा जायसवाल ने शायरी के माध्यम से जहां महिलाओं के शौर्य की याद दिलाई। कहा, ‘मुझे आवाज उठाने दो, हाशिये से उठकर मुख्य पटल पर आने दो, आखिर कितनी परीक्षाएं लोगे, मुझे भी आजमाने दो’। उन्होंने योगी सरकार की योजनाओं से महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

हर क्षेत्र में मिले महिलाओं को आरक्षण
मछली शहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि जबतक महिलाओं का विकास नहीं होगा, तब तक देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 403 सदस्यीय इस विधानसभा में मात्र 47 महिला विधायकों का चुना जाना यह बताता है कि अभी भी महिलाओं को उतनी भागीदारी नहीं दी जा रही है, जितनी मिलनी चाहिए। उन्होंने सरकार से हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए आरक्षण मांगा।

भावुक हुईं महाराजी प्रजापति
चर्चा के दौरान जब अमेठी की सपा विधायक महराजी प्रजापति की बारी आई तो उन्होंने अपने पति व पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का मुद्दा उठाया। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि उनके पति के साथ अत्याचार किया जा रहा है। उनके साथ आरोपी बनाए गए सभी लोगों की जमानत हो गई है, लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी जा रही है। उनकी तबीयत खराब है। बच्चों की शादी तक नहीं हो पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षमा याचना करते हुए कहा यदि मेरे पति से कोई गलती हुई है तो अब उन्हें क्षमा कर दें। सरकार उन्हें जमानत दिलाने में मदद करे।

महिला सदस्यों को दिया टैबलेट

डॉ सुरभि

विशेष चर्चा में विभिन्न दलों की महिला विधायकों ने भाग लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा में भाग लेने वाली महिला विधायकों को टैबलेट देकर सम्मानित किया। चौथे दिन 8.12 घंटे तक चली विधानसभा की कार्यवाही में 4.59 घंटे तक सिर्फ महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा हुई। दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर शुरू हुई चर्चा शाम 6 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हुई। इसमें भाजपा की 24, सपा की 10, अपनादल (एस) की तीन और कांग्रेस की एक समेत कुल 38 महिला विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने अधिष्ठाता के रूप में भाजपा की डॉ. मंजू शिवाच व अनुपमा जायसवाल के अलावा सपा विधायक सैय्यदा खातून को मौका दिया।

इन्होंने लिया चर्चा में हिस्सा

आराधना मिश्रा

भाजपा : अनुपमा जयसवाल, अर्चना पांडेय, अंजुला सिंह माहौर, गुलाब देवी, डॉ. मंजू शिवाच, मनीषा, मुक्ता संजीव राजा, मीनाक्षी सिंह, रानी पक्षालिका सिंह, कृष्णा पासवान, सरिता भदौरिया, अलका सिंह, अदिती सिंह, नीलमा कटियार, जय देवी, केतकी सिंह, ओममणी वर्मा, रजनी तिवारी, मंजू त्यागी, पूनम शंखवार, आशा मौर्या, सलोना कुशवाहा, राजबाला सिंह व प्रतिभा शुक्ला।
सपा : डॉ. रागिनी सोनकर, पूजा, सैय्यदा खातून, ऊषा मौर्या, पूजा पाल, महारानी प्रजापति, गीता शास्त्री, इंद्राणी देवी, विजमा यादव व रेखा वर्मा।
अपना दल (एस) : डॉ, सुरभि, डॉ रश्मि आर्या व सरोज कुरील
कांग्रेस : आराधना मिश्रा ‘मोना’

अनुपमा जायसवाल

महिलाओं के लिए हुई विशेष चर्चा को देखने व सुनने के लिए दर्शक दीर्घा में भी सिर्फ महिलाओं को ही बैठाने की व्यवस्था थी। कानपुर से छात्राओं को विशेष रूप से बुलाया गया था। बड़ी संख्या में महिला डॉक्टरों को भी बैठाया गया था। अधिकारी दीर्घा में भी पीसीएस व आईएएस महिला अधिकारियों को ही बैठाया गया था।

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