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जयंती पर याद किए गए गोविन्द वल्लभ पंत

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जंयती कार्यक्रम के दौरान

भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर शनिवार को देवपुरा पंत पार्क में पहाड़ी महासभा ने माल्यार्पण कर उनको नमन किया।

इस अवसर पर शहर की प्रथम नागरिक महापौर नगर निगम अनीता शर्मा और निगम प्रशासन की ओर से नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती कार्यक्रम में उपस्थित हुए। पहाड़ी महासभा के अध्यक्ष सुभाष पुरोहित ने कहां कि गोविंद बल्लभ पंत द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश की राजनीति में अहम भूमिका अदा की थी। उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।

गोविंद बल्लभ ने देश के चौथे गृहमंत्री के रूप में अपना अहम योगदान दिया गया। उनकी सोच थी कि छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों को विकसित किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों का अधिक से अधिक विकास कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पंत जी एक कुशल कानून ज्ञाता थे। पंत जी को कला, साहित्य, सार्वजनिक सेवा, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय विकास को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 1957 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

उन्होंने शिक्षा के प्रति जनता में जागरूकता बढ़ाने, किसानों की दिक्कतों को दूर करने, अस्पृश्यता और पक्षपात जैसे रुढ़िवादी प्रथाओं के उन्मूलन की दिशा में काम किया। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कुली भिक्षुकों कानून को समाप्त करने, जमींदारी प्रथा को समाप्त करने, हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए कड़े प्रयास किए थे।

इस अवसर पर महंत रघुवीर दास, सतीश जोशी, डीएन जुयाल, दिनेश चंद्र जोशी, सुभाष चंद्र जोशी, शीर्षराम शर्मा, एसपी चमोली, अध्यक्ष सुभाष पुरोहित, महामंत्री इन्द्र सिंह रावत दिनेश लखेडा मीडिया प्रभारी, महिला मोर्चा अध्यक्ष सरिता पुरोहित महामंत्री मीरा रतूड़ी, दीपक नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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