मणिपुर में जदयू को लगे झटके पर बिफरे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर धनबल का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। जदयू की आज से शुरू होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मणिपुर में जदयू विधायकों की टूट पर ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री धनबल का प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जदयू को जिन सीटों पर जीत मिली थी वहां हम भाजपा को हरा कर जीते थे। अरुणाचल प्रदेश में जदयू ने 7 सीट जीता था और मणिपुर में छह सीट भाजपा को हराकर जीता था लेकिन भाजपा ने पहले अरुणाचल प्रदेश में वर्ष 2020 में जदयू विधायकों को तोड़ने का जो काम किया। उस समय हमारे साथ रहते हुए भी उन्होंने गठबंधन का धर्म नहीं निभाया। अब मणिपुर में हमारे जिन विधायकों को तोड़ा गया। वहां धनबल का प्रयोग हुआ है। भाजपा ने महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में जो किया उससे पता चलता है कि 2024 के चुनाव को लेकर पीएम मोदी बौखलाए हुए हैं।
भाजपा जैसा महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कर रही है, क्या वैसा बिहार में भी हो सकता है ? इसके जवाब में ललन सिंह ने कहा कि यहां लोगों के नस-नस में राजनीत है। यहां भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा। एक बार उन्होंने भी पार्टी में अपना एजेंट लगाकर देख लिया लेकिन इससे भी भारतीय जनता पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार और सदाचार की परिभाषा बदल रहे हैं। अगर विपक्षी विधायकों को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री की पार्टी धनबल का प्रयोग कर रही है तो यह उनका सदाचार है। वहीं, विपक्षी पार्टी अगर एक मंच पर आ रही है तो यह भ्रष्टाचार है। जितने दागी लोग भाजपा में चले जाएं तो वह साफ-सुथरे और धुले हुए हो जाते हैं।
पत्रकारों के सवाल पर कि भाजपा कह रही है कि जदयू अपने विधायकों को संभाल नहीं पा रही वे गठबंधन को क्या संभालेंगे। इस पर ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में जो किया उससे पता चलता है कि 2024 के चुनाव को लेकर उनकी चिंता बढ़ी हुई है। हमने भाजपा को हराकर अरुणाचल प्रदेश में 7 सीट जीता था और मणिपुर में छह सीट जीता था। प्रधानमंत्री धनबल का प्रयोग कर रहे हैं, जो सदाचार है।
उन्होंने कहा कि 2023 में जदयू राष्ट्रीय पार्टी बनेगी। भाजपा इसे रोकने के लिए कितनी भी कोशिश कर ले, कोई फायदा नहीं होने वाला है। 2024 की चिंता भाजपा को करनी चाहिए क्योंकि जुमलेबाज देश से विदा हो रहे हैं।