दिल्ली हाई कोर्ट आज मुस्लिम पुरुषों में बहुविवाह प्रथा को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। 2 मई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका 28 वर्षीय एक मुस्लिम महिला रेशमा ने दायर की है।
याचिका में मांग की गई है कि मुस्लिम पुरुषों को अपनी पत्नी की सहमति के बिना दूसरी शादी करने को गैरकानूनी घोषित किया जाए। यह प्रथा क्रूर है और इससे महिलाओं का अपमान होता है। शरीयत में बहुविवाह की अनुमति असाधारण परिस्थितियों में दी गई है। यहअसाधारण परिस्थितियां पहली पत्नी की बीमारी या बांझपन हो सकती हैं।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को सूचित किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान बेंच को रेफर किया है। याचिकाकर्ता ने जनवरी 2019 में मोहम्मद शोएब खान से दिल्ली में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत शादी की थी। उसे 11 महीने का एक बच्चा है। उसके पति ने उससे वादा किया था कि वो जीवन भर किसी दूसरी महिला से शादी नहीं करेगा। अब उसका पति उसे तलाक देकर दूसरी शादी करना चाहता है।