खुदरा महंगाई भले ही पिछले तीन महीने से घट रही है, लेकिन अगले साल मार्च तक ही इसके छह फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है। वहीं, उच्च महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई दिसंबर तक रेपो दर में 0.60 फीसदी तक वृद्धि कर सकता है। बार्कलेज के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बजोरिया ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह आरबीआई भी आक्रामक रुख अपना सकता है। सितंबर व दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की होने वाली बैठक में आरबीआई रेपो दर दो बार में 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है। वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सितंबर में होने वाली एमपीसी की बैठक में नीतिगत दर में 0.50 फीसदी वृद्धि हो सकती है।
कच्चे तेल में नरमी
वैश्विक मंदी की चिंताओं और केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच मांग घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। अक्तूबर के लिए ब्रेंट क्रूड का भाव 1.6 फीसदी की गिरावट के साथ 95.12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई का सितंबर वायदा भाव 1.7 फीसदी नरमी के साथ 89.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा