इसरो जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण को फंसाने के मामले में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू को केरल हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को इससे संबंधित दूसरे मामलों के साथ टैग करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि चार और पुलिस अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी टैग कर दिया जाए। दरअसल 13 अगस्त, 2021 को केरल हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों एस विजयन, थंपी एस दुर्गादत्त, आरबी श्रीकुमार और आईबी के पूर्व अधिकारी एस जयप्रकाश को अग्रिम जमानत दी थी।
कोर्ट ने 15 अप्रैल, 2021 को इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन पर विदेशियों को तकनीक बेचने का आरोप लगाया गया था। बाद में सीबीआई जांच में पूरा मामला झूठा निकला था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर, 2018 में नारायणन को पचास लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया था। नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सिबी मैथ्यू ने जासूसी कांड की जांच की थी।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल