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Category: | मनोरंजन

स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक ने कहा कि देश में 40 सी-295 विमानों का उत्पादन गेम चेंजर साबित होगा। इससे भारत में विश्वस्तरीय एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा, जो भविष्य में देश में अन्य विमानों के निर्माण के लिए बेहद अहम साबित होगा। भारतीय वायुसेना को बुधवार को पहला सी-295 एयरबस विमान मिल गया है। Trending Videos पटनायक ने कहा कि फिलहाल भारत में निजी एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है, जबकि सभी बड़े देशों में यह पहले से उपलब्ध है। सी-295 परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगी और यह एक नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। परियोजना के समय पर क्रियान्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय कर रहे पटनायक ने कहा, समृद्ध एयरोस्पेस उद्योग के विकास से भारत को भविष्य में विभिन्न प्रकार के विमानों के निर्माण व खरीद में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि भारत ने दो साल पहले एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ 21,935 करोड़ रुपये में विमान खरीद का समझौता किया था। इसके तहत कंपनी 2025 तक 16 विमान तैयार करके भारतीय वायुसेना को सौंपेगी। ये विमान स्पेन के सेविले में स्थित कंपनी की फाइनल असेंबली लाइन में तैयार होंगे। 2026 में भारत में बनेगा पहला सी-295 विमान औद्योगिकी साझेदारी के तहत 40 सी-295 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) तैयार करेगी। मेक इन इंडिया पहल के तहत इन विमानों का उत्पादन वडोदरा में किया जाएगा। टीएएसएल सितंबर 2026 में पहले सी-295 विमान का निर्माण कर लेगी। भारतीय वायुसेना को इस श्रेणी का आखिरी विमान अगस्त 2031 तक प्राप्त होगा। यह पहला सैन्य विमान होगा, जिसका उत्पादन निर्माण भारत में किसी निजी कंपनी की तरफ से किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण सुविधा की आधारशीला रखी थी। एवरो-748 की जगह लेंगे सी-295 विमान भारतीय वायुसेना के परिवहन बेड़े में फिलहाल एवरो-748 विमान हैं, जिन्हें छह दशक पहले शामिल किया गया था। सी295 विमान इन्हीं की जगह लेंगे। दुनिया के 39 देशों की तरफ से सी-295 विमानों के 280 ऑर्डर दिए जा चुके हैं। टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट के लिहाज से यह बेहतरीन विमान है, जिसमें 71 सैनिकों और 50 पैराट्रूपर को ले जाया जा सकता है। सी-295 की दुनिया की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी वायुसेना भारत में सी-295 परिवहन विमानों के निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हैदराबाद स्थित मेन कंस्टीचुएंट एसेंबली (एमसीए) फैसिलिटी में विमान के घटकों (पुर्जा) का निर्माण शुरू हो गया है। उन्हें हैदराबाद से वडोदरा स्थित फाइनल एसेंबली लाइन (एफएएल) लाया जाएगा, जहां विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा। संभावना है कि भारत में विमानों के उत्पादन से पहले उसके पुर्जों का निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी सुविधाएं स्थापित करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि सभी विमानों की आमद के बाद भारतीय वायुसेना सी-295 की दुनिया की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी।

लीबिया में आई बाढ़ के बाद हालात बेहद भयावह होते जा रहे हैं। बाढ़ का सबसे बुरा असर डेरना शहर पर पड़ा है जहां बांधों के टूटने से करीब एक चौथाई शहर पानी में बह गया है। बुधवार तक बचावकर्मियों द्वारा डेरना शहर में 5,300 से अधिक शव गिने जा चुके हैं, जबकि क्षेत्रीय प्रशासन के एक मंत्री ने बुधवार को कहा कि मरने वालों की संख्या दोगुनी होने की आशंका है। शहर के 30,000 लोग विस्थापित हुए हैं। पूर्वी लीबिया को चलाने वाले प्रशासन में नागरिक उड्डयन मंत्री हिचेम अबू चकिउआट ने रॉयटर्स को बताया कि समुद्र लगातार दर्जनों शव फेंक रहा है। उन्होंने कहा, अब इसके पुनर्निर्माण में अरबों डॉलर खर्च होंगे। Trending Videos उधर, लीबिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि तूफान डेनियल से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर डेरना शहर में कम से कम 30,000 लोग विस्थापित हुए हैं। डेरना के अलावा बेनगाजी सहित अन्य तूफान प्रभावित क्षेत्रों में 6,085 लोगों के विस्थापित होने की जानकारी है, जबकि मौतों की संख्या अभी भी असत्यापित है। आईओएम ने प्रभावित क्षेत्रों में दवाएं, खोज व बचाव उपकरण समेत कर्मचारी रवाना किए हैं। संगठन ने कहा, क्षति इतनी व्यापक है कि डेरना मानवीय सहायता कर्मियों के लिए दुर्गम स्थल हो चुका है। पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री ओथमान अब्दुलजलील ने बताया कि डेरना में शवों को सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है। कुछ शव समुद्र से बरामद किए गए, जबकि बचावकर्मी शहर की सड़कों और मलबे में जहां भी हाथ डाल रहे हैं, उन्हें शव ही मिल रहे हैं। हालात अवर्णनीय बचाव कार्य में शामिल अहमद अब्दुल्ला ने कहा कि वे शवों को कब्रिस्तान में सामूहिक कब्रों में दफनाने के लिए ले जाने से पहले एक अस्पताल में रख रहे थे। हालात अवर्णनीय है। इस आपदा में पूरे परिवार खत्म हो गए, कुछ लोग समुद्र में बह गए। शहर में बुलडोजर तक शवों को नहीं निकाल पा रहा है। अपने परिवार के 11 सदस्यों को खोने वाले एक जीवित बचे व्यक्ति ने रोते हुए स्थानीय टीवी को बताया, जब बचाव दल के एक समूह ने उसे शांत करने की कोशिश की, तो उसने कहा, इन शब्दों के हर अर्थ में एक आपदा है। मशीनों से खोदीं सामूहिक कब्रें लीबिया के डेरना शहर में विनाशकारी बाढ़ में मारे गए लोगों के शवों को सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है। शहर के एकमात्र कब्रिस्तान में बॉडी बैग और कंबलों में ढंके शवों को एक साथ दफनाया जा रहा है। यहां मशीनों से गड्ढे खोदे गए हैं। यहां हर घंटे शवों की संख्या बढ़ रही है। पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल जलील ने कहा, हम तबाही को देखकर हैरान हैं, ये बहुत बड़ी त्रासदी है। इससे निबटना क्षमता के बाहर है। बचाव के लिए हेलिकॉप्टर रेड क्रॉस के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख येन फ्राइडेज ने फ्रांस-24 से कहा, डेरना शहर 7 मीटर ऊंची लहरों में डूब चुका है। अब पानी और दुर्गम इलाकों से शवों को निकालने के लिए फुलाने योग्य नावों और हेलिकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पड़ोसी देशों के शव लौटाए बाढ़ का असर पड़ोसी देशों पर भी पड़ा है। मृतकों में 84 मिस्रवासी हैं। उनके शव मिस्र को लौटा दिए गए हैं। अल-शरीफ गांव में 22 मिस्रवासियों को दफनाया गया। तूफान से सूसा, अल मर्ज और मिसराता भी प्रभावित हुए हैं।