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इतिहास के पन्नों में 15 मईः अमर हैं अंग्रेजों को नाको चने चबवाने वाले शहीद सुखदेव

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देश-दुनिया में 15 मई का अहम स्थान है। यह तिथि वैश्विक मंच में तमाम तरह की हलचल की गवाह है। मात्र 24 साल की आयु में सर्वोच्च बलिदान करने वाले भारत मां के लाल शहीद सुखदेव की जयंती है। शहीद भगत सिंह और शहीद राजगुरु के इस अजीज दोस्त सुखदेव का पूरा नाम ‘सुखदेव थापर’ था। शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को गोपरा (लुधियाना) पंजाब में हुआ था। तीनों ने अपने छोटे से जीवनकाल में अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए थे। 23 मार्च, 1931 को इन तीनों वीरों को एक साथ लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। 1919 के जलियांवाला बाग के भीषण नरसंहार का सुखदेव के मन पर बड़ा असर हुआ था।

लायलपुर के सनातन धर्म हाईस्कूल से मैट्रिक पास कर सुखदेव ने लाहौर के नेशनल कॉलेज में प्रवेश लिया और यहीं उनकी मुलाकात भगत सिंह से हुई। इन दोनों के इतिहास के अध्यापक ‘जयचंद्र विद्यालंकार’ थे। उन्होंने इनके अंदर क्रांति का बीज डाला। विद्यालय के प्रबंधक भाई परमानंद जाने-माने क्रांतिकारी थे। 1926 में लाहौर में ‘नौजवान भारत सभा’ का गठन हुआ तो इसका मुख्य संयोजक सुखदेव को बनाया गया। सुखदेव की जिंदगी मे बड़ा मोड तब आया जब सितम्बर, 1928 में ही दिल्ली के फिरोजशाह कोटला के खंडहर में उत्तर भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों की गुप्त बैठक हुई। इसमें एक केंद्रीय समिति का निर्माण हुआ। संगठन का नाम ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ रखा गया।

सुखदेव को पंजाब के संगठन का उत्तरदायित्व दिया गया। भगत सिंह दल के राजनीतिक नेता थे और सुखदेव संगठनकर्ता। इन्होंने मिलकर ब्रितानी सरकार के खिलाफ अलख जगाई। सुखदेव ने भगत सिंह, राजगुरु, बटुकेश्वर बत्त, चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर अंग्रेज सरकार की नींव हिलाकर रख दी। इसी बीच साइमन कमीशन का विरोध करने पर हुए लाठीचार्ज में लाला जी का देहांत हो गया । सुखदेव और भगत सिंह ने ही बदला लेने का फैसला किया। इस सारी योजना के सूत्रधार सुखदेव थे। सेंट्रल असेंबली के सभागार में बम और पर्चे फेंके गए। इसके बाद चारों ओर से गिरफ्तारी का दौर शुरू हुआ। लाहौर में बम बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई। इसमें सुखदेव भी अन्य क्रांतिकारियों के साथ पकड़े गए।

वैश्विक घटनाक्रम

1610ः पेरिस की संसद ने लुई तेरहवें को फ्रांस का राजा नियुक्त किया।

1811ः पराग्वे ने स्पेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।

1905ः अमेरिका के नवाडा में लास वेगास की स्थापना।

1918ः अमेरिका में पहली हवाई डाक सेवा की शुरुआत।

1925ः पहला अरेबिक कम्युनिस्ट न्यूज पेपर शुरू।

1930ः विश्व की पहली महिला एयर होस्टेस ऐलन चर्च ने ऑकलैंड-शिकागो फ्लाइट में उड़ान भरी।

1935ः मास्को मेट्रो को लोगों के लिए खोला गया।

1940ः मैक और डिक मैकडोनाल्ड नाम के दो भाइयों ने कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डीनो में मैकडोनाल्ड रेस्त्रां की शुरुआत की।

1948ः ऑस्ट्रेलिया ने एसेक्स के खिलाफ क्रिकेट मैच में एक दिन में 721 रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया।

1957ः ब्रिटेन ने घोषणा की थी प्रशांत महासागर में किए गए परीक्षणों के अंतर्गत पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया गया।

1958ः सोवियत संघ ने स्पूतनिक-3 लान्च किया।

1988ः सोवियत संघ ने अफगानिस्तान से अपने एक लाख 15 हजार सैनिकों को वापस बुलाया।

1995ः एलीसन गारग्रीब्स बिना आक्सीजन सिलेडंर के एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वालीं पहली महिला बनीं।

1999ः कुवैत सरकार ने महिलाओं को संसदीय चुनाव में मताधिकार का हक प्रदान किया।

2001ः इटली में दक्षिणपंथी गठबंधन को बहुमत।

2002ः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इराक पर प्रतिबंधों का अनुमोदन किया।

2003ः इराक युद्ध में अमेरिकी सेनाओं के कमांडर टामी फ्रैक्स के खिलाफ ब्रुसेल्स की अदालत में युद्ध संबंधी मुकदमा दायर।

2004ः ‘आर्सेनल फुटबॉल क्लब’ इंग्लिश प्रीमियर लीग में एक भी मैच हारे बिना चैंपियन बनने वाली पहली टीम बनी।

2005ः 20 साल बाद कनाडा में भारत का विमान उतरा।

2008ः भारतीय मूल की मंजूला सूद ब्रिटेन में मेयर बनने वाली पहली एशियाई महिला बनीं।

2008ः श्रीलंका ने आतंकवादी संगठन लिट्टे पर प्रतिबंध दो साल और बढ़ाया।

जन्म

1817ः विद्वान और धार्मिक नेता देवेन्द्रनाथ ठाकुर।

1892ः भारतीय राजनेता हरि विनायक पाटस्कर।

1907ः क्रांतिकारी शहीद सुखदेव।

1922ः भारतीय अभिनेता नजीर।

1922ः जापानी लेखक जकूचो सतोची।

1923ः हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर।

1926ः भारतीय नौसेना के जांबाज अफसर महेन्द्रनाथ मुल्ला।

1933ः पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन।

1937ः संयुक्त राज्य अमेरिका की महिला नेत्री मैडेलीन अल्ब्राइट।

1965ः अभिनेत्री माधुरी दीक्षित।

1991ः एडिथ क्रेसन फ्रांस की पहली महिला प्रधानमंत्री।

निधन

1958ः प्रसिद्ध इतिहासकार यदुनाथ सरकार।

1988ः राजनीतिज्ञ राधिका रंजन गुप्ता।

1993ः सेनाध्यक्ष कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा।

2010ः पूर्व राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत।

2011ः किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत।

दिवस

1993ः संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाने का फैसला।

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