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मुख्यमंत्री गहलोत की तुष्टीकरण की राजनीति ने ले ली एक निर्दोष की जान: शेखावत

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केन्द्रीय मंत्री शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उदयपुर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के मुखिया तुष्टिकरण की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं, उदयपुर में टेलर कन्हैया की हत्या भी इसी तुष्टिकरण की राजनीति का घातक परिणाम है।

शेखावत ने कहा कि उदयपुर में जहां निर्दोष नागरिक कन्हैयालाल साहू की बर्बरता से हत्या की गई, वहां अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी ने ‘चिंतन’ किया था। ‘चिंतन’ पार्टी की गिरती दशा पर करना था, लेकिन कांग्रेस पार्टी अपने चिर-परिचित एजेंडे पर भाजपा-राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ को कोसने में लगी रही, क्योंकि उसे ‘चिंतन’ नहीं एक वर्ग विशेष को खुश करना था।

अपने बयान में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि कन्हैया की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने पुलिस को आरोपितों के मोबाइल नंबर तक मुहैया कराए थे। उसने धमकियों के चलते अपनी दुकान तक बंद रखी, पर पुलिस सोई रही। पुलिस और राज्य सरकार की नाकामी का ही नतीजा है कि दुकान खोलते ही कन्हैयालाल की जान ले ली गई। राजस्थान में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं, यह इसी बात से पता चलता है कि उन्होंने बर्बरता से हत्या के बाद हथियार लहराते हुए वीडियो जारी किया।

शेखावत ने कहा कि सरकार की ऐसी ही नाकामी करौली, जोधपुर, धौलपुर, भीलवाड़ा आदि शहरों में जनता देख चुकी है। कैसे करौली में रामनवमी की शांतिपूर्ण शोभायात्रा पर हमला हुआ? कैसे जोधपुर में एकतरफा उपद्रव मचाया गया? करौली में पीएफआई और दूसरे संगठनों के साथ कुछ सूत्र जुड़ते हुए पाए गए थे, लेकिन राजस्थान सरकार इस पर आज भी मौन है। करौली और जोधपुर में उपद्रव के दोषी तो साफ-साफ पहचाने गए, लेकिन एक वर्ग विशेष कांग्रेस पार्टी और गहलोत सरकार से नाराज न हो जाए, इसलिए पुलिस के हाथ बांध दिए गए।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति की हद तो यह है कि अपना गृह क्षेत्र होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर नहीं आए। करौली में करीब महीनेभर कर्फ्यू लगाए रखा, लेकिन वहां भी नहीं गए। मुख्यमंत्री उदयपुर में हुई घटना को भी केवल दुखद बताकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेना चाहते हैं। मुख्यमंत्री जी जनता सब देख रही है।

केंद्रीय मंत्री ने मांग की कि उदयपुर की घटना की पूरी गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस बार भी अपराधियों को बख्श दिया गया तो अगले साल जनता आपका हिसाब करने के लिए तैयार बैठी है। देश से तो कांग्रेस का सफाया हो चुका है। अब उसके अंतिम किले राजस्थान और छत्तीसगढ़ का ढहना भी तय है

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