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अटाला बवाल का कानपुर कनेक्शन भी आया सामने, पैरोकार से मिला था जावेद पंप

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Prayagraj Violence

कानपुर के बाद अगले जुमे पर ही अटाला में बवाल हुआ था। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि यह मामला कहीं न कहीं कानपुर उपद्रव से संबंधित है। लेकिन पुलिस को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला था, जिससे इसे साबित किया जा सके।

अटाला में 10 जून को हुए बवाल का कानपुर कनेक्शन आखिरकार सामने आ गया है। पता चला है कि कानपुर में तीन जून को हुए उपद्रव में शामिल युवकों के एक पैरोकार ने शहर आकर अटाला बवाल के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप से मुलाकात की थी। इसके बाद ही अटाला में 10 जून को प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। यह जानकारी पुलिस को कस्टडी रिमांड के दौरान जावेद से पूछताछ में मिली है। यह भी पता चला है कि इसके लिए एक मीटिंग भी की गई थी। पुलिस अब पता लगाने में जुटी है कि मीटिंग में कौन-कौन लोग शामिल थे।

कानपुर के बाद अगले जुमे पर ही अटाला में बवाल हुआ था। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि यह मामला कहीं न कहीं कानपुर उपद्रव से संबंधित है। लेकिन पुलिस को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला था, जिससे इसे साबित किया जा सके। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कस्टडी रिमांड के दौरान जावेद ने जो बातें बताईं, उससे साफ हो गया कि  अटाला बवाल व कानपुर उपद्रव में कनेक्शन है।

 

सूत्रों के मुताबिक, कस्टडी रिमांड में हुई पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि कानपुर उपद्रव में जेल भेजे गए और आरोपी बनाए गए कुछ लोगों की पैरवी एक मुस्लिम संगठन का कानपुर निवासी व्यक्ति कर रहा था। जिसके लिए वह 10 जून से पहले हाईकोर्ट भी आया था। यहां आने के दौरान ही उसने जावेद से भी मुलाकात की थी। उससे मिलने के बाद ही अटाला में जुमे के दिन प्रदर्शन की योजना बनी थी।

प्रदर्शन की थी योजना, चलने लगे पत्थर
सूत्रों के मुताबिक, जावेद से पूछताछ में पता चला कि कानपुर निवासी पैरोकार से मिलने के बाद ही करेली में एक मीटिंग की गई थी। इसमें कई लोग शामिल थे। मीटिंग में यह भी योजना बनी थी कि जुमे के दिन अटाला में प्रदर्शन किया जाएगा। लेकिन योजना शांतिपूर्ण विरोध जताने व ज्ञापन सौंपने की ही थी। लेकिन योजना तब धरी रह गई जब वहां जमा युवकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और इसके बाद बवाल हो गया। पुलिस अफसरों का कहना है कि यह पता लगाया जा रहा है कि मीटिंग में कौन-कौन लोग शामिल थे।

अखलाक समेत दो की कस्टडी रिमांड अर्जी मंजूर
प्रयागराज। अटाला बवाल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए दो अन्य आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेने की पुलिस की अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है। इनमें करेली निवासी अखलाक व अब्दुल रहमान शामिल हैं। दोनों को मंगलवार को कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा। कोर्ट ने 24 घंटे के लिए उनकी कस्टडी रिमांड स्वीकृत की है।

गौरतलब है कि जेल भेजने के दौरान पुलिस अफसरों ने बताया कि मस्जिद में रहने वाला अखलाक उपद्रवियों में शामिल था और पुलिसकर्मियों को लेकर सबसे क्रूरता उसने ही दिखाई थी। वह मरने-मारने पर उतारू था और अफसरों के मना करने पर खुद को गोली मारने की भी धमकी दी थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए उसकी पहचान की थी। उसने ही ऐनुद्दीनपुर निवासी हाफिज का नाम बताया था, जिसे एक दिन पहले पुलिस ने जेल भेजा था।

एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष समेत पांच हुए 25-25 हजार के इनामी
उधर अटाला बवाल में फरार चले रहे पांच नामजद आरोपियों पर सोमवार को 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया। इनमें एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शाहआलम निवासी गौसनगर, करेली के पार्षद फजल खां निवासी करेलाबाग, उमर खालिद निवासी मिन्हाजपुर शाहगंज, आशीष मित्तल निवासी लोहिया मार्ग सिविल लाइंस और जीशान रहमानी निवासी अहमदपुर असरौली, पूरामुफ्ती शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू भी जारी हो चुका है।

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