प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ‘चलता है और ऐसे ही चलेगा’ की मानसिकता से उबर चुका है। आज भारत ‘करता है, करना ही है और समय पर करना है’ का संकल्प रखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है। भारत अधीर है, प्रगति के लिए, विकास के लिए। भारत अधीर है, अपने सपनों के लिए, अपने सपनों की सिद्धि के लिए।”
मोदी ने रविवार को जर्मनी की म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में आज एक मजबूत सरकार है। ऐसी सरकार निर्णायक फैसले कर सकती है। देशवासियों में भरोसा है कि उनका पैसा देश की विकास यात्रा में ईमानदारी से खर्च हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व की चुनौतियों का रोना नहीं रोता। भारत चुनौतियों के समाधान करने में योगदान करता है। भारत की इसी क्षमता और सामर्थ्य का परिणाम है कि दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। उन्होंने भारत में सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अतीत में पीछे रहने के बावजूद चौथी क्रांति में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है।
आपातकाल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से सैंतालीस साल पहले इसी समय उस डेमोक्रेसी को बंधक बनाने, डेमोक्रेसी को कुचलने का प्रयास किया गया था। भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया है। हम भारतीय कहीं भी रहें, अपनी डेमोक्रेसी पर गर्व करते हैं। हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
देश की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज भारत का लगभग हर गांव, सड़क मार्ग से जुड़ चुका है। आज भारत के 99 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास क्लीन कुकिंग के लिए गैस कनेक्शन है। आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी कितने बेहतर तरीके से डिलिवर कर रही है। जिस तरह करोड़ों भारतीयों ने मिलकर बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, वो अभूतपूर्व है।