इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के प्रसिद्ध पंछी पेठा के ब्रांडनेम का इस्तेमाल करने के आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोप सही नजर आ रहा है। लिहाजा, कोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं कर सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकुर और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी बृजेश उर्फ भोला की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
मामले में याची के खिलाफ आगरा के ताजगंज थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं केसाथ कॉपीराइट एक्ट की धारा 63, 65 और ट्रेडमार्क एक्ट धारा 103, 104 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। याची ने एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की थी। याची के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि मामले में न तो कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है और न ही व्यापार चिह्न अधिनियम का।
मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा कि दस्तावेज साक्ष्यों में यह आभास हो रहा है कि याची अपने उत्पाद में पक्षी लोगो का इस्तेमाल कर आगे पेठा लिखकर उसका व्यवसाय कर रहा है, जोकि प्रतिवादी की फर्म पंछी पेठा के ब्रांडनेम का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने इस आधार पर याचिका खारिज कर दी।