वसूली का मामला हो या छेड़खानी और बमबाजी का, ऐसी कई घटनाओं में हॉस्टल में रहने वालों के नाम सामने आए हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर हॉस्टल के वैध अंत:वासी नहीं हैं और इनमें से कई के खिलाफ आपराधिक मामलों में मुकदमे दर्ज हैं।
हालैंड हॉल हॉस्टल यानी 122 वर्षों का वह सुनहरा इतिहास, जिसे याद कर अब भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) से जुड़े छात्रों और पूर्व छात्रों का सीना फख्र से चौड़ा हो जाता है। दुर्भाग्य कि अब यह हॉस्टल अराजकता के लिए जाना जाता है, जिसका जीता-जागता उदाहरण है पिछले कुछ दिनों में हुईं घटनाएं। इन घटनाओं के बाद पुलिस ने हॉस्टल के अवैध अंत:वासियों पर शिकंजा कसा तो भयवश यहां रहने वाले वैध छात्रों में भी आधे कमरे छोड़कर चले गए।
वसूली का मामला हो या छेड़खानी और बमबाजी का, ऐसी कई घटनाओं में हॉस्टल में रहने वालों के नाम सामने आए हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर हॉस्टल के वैध अंत:वासी नहीं हैं और इनमें से कई के खिलाफ आपराधिक मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। हॉस्टल का संचालन एवं रखरखाव चर्चेज ऑफ नॉर्थ इंडिया की लखनऊ डायोसिस के जिम्मे है। हर साल विश्वविद्यालय मेरिट तैयार कर संस्था को दे देता है और इसके बाद संस्था अपने स्तर से प्रवेश प्रक्रिया पूरी करती है। फीस भी संस्था जमा करती है। एक साल की फीस 14 हजार रुपये है और हॉस्टल में 101 कमरे हैं। वर्ष 2018 में 58 कमरों में छात्रों को प्रवेश दिए गए थे।
तब से हॉस्टल में न कोई अधीक्षक है और न ही कोई वार्डन। 58 कमरों में भी आधे छात्र आए दिन हो रही अराजकता से त्रस्त होकर हॉस्टल छोड़कर जा चुके हैं। हॉस्टल में अब तकरीबन 30 छात्र ही वैध रूप से रह रहे हैं, लेकिन अराजकतत्वों के भय से वह भी खुलकर बोलने से कतराते हैं। कुछ छात्रों ने बताया कि हॉस्टल में रहने वाले माफिया और गुंडों ने 80 फीसदी कमरों पर कब्जा कर रखा है। यहां तक कि मेस के ऊपर बनी लाइब्रेरी पर भी अवैध कब्जा हो गया है। लाइब्रेरी की किताबें एक किनारे रख दी गईं हैं।
हालैंड हॉल हॉस्टल में पिछले तीन साल से कोई अधीक्षक और वार्डन नहीं है। हॉस्टल का संचालन करने वाले ट्रस्ट ने भी हॉस्टल को उसकी बदहाली पर छोड़ दिया है। छात्रों का कहना है कि वर्ष 2019 में ट्रस्ट की ओर से फीस जमा करने के लिए अशोक मसीह की नियुक्ति की गई थी। उन्हाेंने कुछ छात्रों की फीस जमा की थी, लेकिन उसकी कोई रसीद नहीं दी। बाद में उनका तबादला बरेली हो गया। तीन साल से छात्र साफ-सफाई, पानी आदि की व्यवस्था के लिए चंदा जुटाकर काम चला रहे हैं।
प्रवेश तो ले लिया, पर जिम्मेदारी नहीं
हॉस्टल के हालात 2018 के बाद से ही बिगड़ने लगे थे। इविवि ने अपने यहां के छात्रों की लिस्ट ट्रस्ट को सौंप दी और ट्रस्ट ने हॉस्टल में छात्रों का प्रवेश भी ले लिया, लेकिन छात्रों और हॉस्टल की जिम्मेदारी किसी से नहीं ली। इविवि प्रशासन ने भी यह कहकर हॉस्टल की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया कि हॉस्टल का संचालन ट्र्र्र्रस्ट करता है और दूसरी ओर ट्रस्ट ने भी प्रबंधन से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं से हाथ पीछे खींच लिए।
हालैंड हॉल पुरा छात्र एसोसिएशन ने भी हॉस्टल की अव्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। एसोसिएशन के के सचिव सुधीर सिंह बताते हैं कि अराजकता के कारण कुछ छात्रों ने हॉस्टल छोड़ दिया है। उन्होंने जब छात्रों से पूछा कि ऐसा क्यों किया तो पता चला कि आए दिन उनके कमरों में कोई न कोई अराजक तत्व चला आता था और कहता था कि पुलिस पीछा कर रही है, इसलिए कमरे में छिपा लो। इन छात्रों ने भयवश हॉस्टल छोड़ दिया, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। 15 नवंबर 2021 को हालैंड हॉल पुरा छात्र सम्मेलन में कुलपति से आग्रह किया गया था कि हॉस्टल को गोद लेकर बदहाली से बाहर निकालें, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। इस मसले पर एसोसिएशन ने अब केंद्रीय मंत्री से मिलने का समय मांगा है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और ट्रस्ट के हॉस्टलों पांच साल पहले वर्ष 2017 में पूरी तरह से खाली कराया गया था। इसके बाद हॉस्टल वॉशआउट की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन पांच वर्षों में ज्यादातर पढ़कर विश्वविद्यालय से बाहर निकल गए और धीमे-धीमे कुछ हॉस्टलों के कमरों पर अवैध कब्जा बढ़ता गया।
‘किसी घटना में अगर इलाहाबाद विश्वविद्यालय का कोई छात्र शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। जहां तक हॉलैंड हाल हॉस्टल की बात है तो इस बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।’ डॉ. जया कपूर, पीआरओ, इविवि
- पीएचक्यू के सामने हुई बमबजी में आधा दर्जन छात्र संलिप्त पाए गए, जिनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया, हालांकि कोई भी हॉस्टल का वैध अंत:वासी नहीं है
- लूकरगंज स्थित एक वाहन एजेंसी में चार जून को अराजकतत्वों ने जमकर उत्पात किया, जिनमें हॉस्टल में रहने वाले चार लोगों के नाम भी सामने आए
- पिछले महीने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छेड़खानी का विरोध करने पर आइसा के कार्यकर्ताओं पर अराजकतत्वों ने हमला कर दिया। मामले में कर्नलगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया। घटना में संलिप्त कई आरोपी हॉस्टल से जुड़े पाए गए
- पांच अक्तूबर 2018 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आए और उसी रात अराजतत्वों ने छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव का कमरा फूंक दिया था।