वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मालिक और दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को पद से हटाने की मांग पर जल्द सुनवाई की मांग की। अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि मलिक करीब चार महीने और सत्येंद्र जैन 30 दिनों से जेल में हैं। कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय को रजिस्ट्रार के सामने जल्द सुनवाई की मांग करने का निर्देश दिया।
याचिका में कहा गया है कि दो दिन से अधिक न्यायिक हिरासत में रहने पर जज, आईएएस, आईपीएस अस्थायी रूप से पद से हटा दिए जाते हैं। लेकिन लंबे अरसे से बंद मंत्री पद पर बने हुए हैं। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट लॉ कमीशन को निर्देश दे कि वो विकासशील देशों के कानूनों की पड़ताल करे ताकि संविधान की धारा 14 के मुताबिक मंत्रियों, विधायकों और लोकसेवकों की गरिमा बनाये रखी जा सके।
याचिका में कहा गया है कि मंत्री भारतीय दंड संहिता की धारा 21 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 2(सी) के तहत न केवल एक लोकसेवक होता है बल्कि वो संविधान की अनुसूची 3 के तहत मंत्री पद का पवित्र शपथ लेता है। मंत्री को सैलरी मिलती है, मुफ्त रेल टिकट, मुफ्त हवाई टिकट और उसे आईएएस, आईपीएस और जजों की तरह जीवन भर कई सारे भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे में एक मंत्री आईएएस, आईपीएस और जजों की तरह का पूरा वेतन पानेवाला लोकसेवक हैं। लेकिन नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन लंबे समय से न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद संवैधानिक पदों पर हैं।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल