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UAE में मंदिर निर्माण के बाद भारत ने संयुक्त अरब के साथ तय किया 100 अरब डॉलर का ये लक्ष्य, इन क्षेत्रों में होगी धन की बारिश

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संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर स्थापित होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते नई ऊंचाई पर हैं। अब भारत और यूएई ने 100 अरब अमेरिकी डॉलर के नए व्यापार का लक्ष्य तय किया है। इससे कई सेक्टरों में पैसों की बारिश होने की उम्मीद की जा रही है।

अबू धाबी: संयुक्त अरब अमीरात में श्री लक्ष्मीनरायण मंदिर की स्थापना के बाद से भारत और यूएई के रिश्ते लगातार नए मुकाम को छू रहे हैं। अब भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार को लेकर बड़ी डील हुई है। यह लक्ष्य महत्वाकांक्षी है और इसे हासिल किया जा सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष आर दिनेश ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कपड़ा, आभूषण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने के बड़े अवसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई के बीच मई, 2022 में लागू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के चलते द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है।दिनेश यहां वैश्विक निवेशकों के कार्यक्रम ‘इन्वेस्टोपिया’ और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कई भागीदारों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेने के लिए आए थे। सीआईआई के अध्यक्ष ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गैर-तेल व्यापार का 100 अरब डॉलर का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि इसे हासिल किया जा सकता है। इस संबंध में हाल के घटनाक्रम उत्साहजनक हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह समझौता, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता कहा गया है, रत्न और आभूषण, कपड़ा और परिधान, चमड़ा, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और कई इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे सभी श्रम-गहन क्षेत्रों तक शुल्क मुक्त पहुंच उपलब्ध कराता है।

भारत है विशाल उपभोक्ता

वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 84.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। भारत अब यूएई का शीर्ष गैर-तेल व्यापार भागीदार है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का विशाल उपभोक्ता आधार और बढ़ती विनिर्माण क्षमता संयुक्त अरब अमीरात के उत्पादों के लिए इसे एक आकर्षक बाजार बनाती है। जबकि वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में यूएई की स्थिति भारतीय निर्यात को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करती है।’’ यूएई, भारत को कच्चे तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों के बीच व्यापार में एक बड़ा हिस्सा कच्चे तेल का है। उन्होंने कहा कि यह समझौता पासा पलटने वाला है, जो दूरसंचार, निर्माण और विकास, शिक्षा, पर्यावरण, वित्तीय क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन और फिल्म, आतिथ्य और समुद्री और हवाई परिवहन सेवाओं सहित अन्य सेवाओं में व्यवसायों के लिए अवसर प्रदान करता है।

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