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पाकिस्तान में खंडित जनादेश आने के बाद अब किसकी बनने जा रही सरकार, जानें पूरा समीकरण

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पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से अंतिम नतीजे जारी किए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी पार्टी सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल नहीं कर सकी है। सबसे ज्यादा 101 सीटें इमरान खान के निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली हैं। वहीं नवाज शरीफ की पार्टी को 75 और बिलावल भुट्टो को 54 सीटें हासिल हुई हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आम चुनाव में खंडित जनादेश सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मतदान हुआ था। पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने रविवार को आम चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित किए, जिसमें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 54 सीट मिलीं, जबकि विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली हैं। बाकी 12 सीट पर अन्य छोटे दलों ने जीत हासिल की। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने जिन 265 सीट पर चुनाव हुआ था उनमें से 264 सीट के नतीजे घोषित कर दिए हैं। चुनाव नतीजों की घोषणा में असामान्य देरी के कारण कई दलों ने देश भर में हंगामा और विरोध-प्रदर्शन किया। पंजाब प्रांत के खुशाब में एनए-88 सीट का परिणाम ईसीपी ने धोखाधड़ी की शिकायतों के कारण रोक दिया था और पीड़ितों की शिकायतों के निवारण के बाद इसकी घोषणा की जाएगी।

इमरान के निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली 101 सीटें

एक उम्मीदवार की मृत्यु के बाद एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। निर्दलीय उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली में 101 सीट हासिल कीं हैं। इनमें से ज्यादातर खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित थे। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 133 सीट की जरूरत होगी। कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं। नवाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए गठबंधन सरकार बनाने का आह्वान किया। माना जाता है कि शरीफ को देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है।

पूर्व पीएम शहबाज शरीफ अपने भाई नवाज के लिए सजा रहे समीकरण

पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने अपने छोटे भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा है, जिन्होंने पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है। एमक्यूएम-पी का एक प्रतिनिधिमंडल लाहौर में है और उसने शहबाज के साथ बैठक की। एमक्यूएम प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ.खालिद मकबूल सिद्दीकी कर रहे हैं। बैठक में शहबाज शरीफ, मरियम नवाज और पार्टी के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं। शहबाज ने कहा, ‘‘बैठक में सरकार गठन को लेकर चर्चा होगी।’’ एमक्यूएम-पी नेता हैदर रिजवी ने एक साक्षात्कार में ‘जियो न्यूज’ को बताया है कि उनकी पार्टी पीएमएल-एन के साथ अधिक सहज होगी क्योंकि पीपीपी या अन्य पार्टियों के विपरीत ‘‘दोनों पार्टियों ने कराची में प्रतिस्पर्धा नहीं की है।’’

इस बीच, ‘पीटीआई’ नेता गौहर खान ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह संभव नहीं है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने ‘पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेजिस्लेटिव डेवलपमेंट एंड ट्रांसपेरेंसी’ (पीआईएलडीएटी) के प्रमुख अहमद बिलाल महबूब के हवाले से अपनी खबर में कहा कि ‘पीटीआई’ जाहिर तौर पर पीएमएल-एन या अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किए बिना सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है जबकि पीपीपी के पास संसद के निचले सदन में बहुमत का दावा करने के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं है।

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