Annual Status of Education Report 2023: हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ग्रामीण युवाओं की आर्ट्स विषयों में ज्यादा रुचि है। ये रिपोर्ट 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया। वहीं अब लड़कियां पढ़ाई-लिखाई के मामले में पीछे नहीं हैं।
- एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ग्रामीण) 2023- बियॉन्ड बेसिक्स जारी
- 14-18 आयुवर्ग के 25% छात्र क्षेत्रीय भाषाओं में कक्षा 2 की किताबें ठीक से नहीं पढ़ पाए
- 90% युवाओं के घर में है स्मार्टफोन, वे जानते हैं इसे कैसे हैंडल करना है
नई दिल्ली: ग्रामीण युवाओं की पसंद आर्ट्स विषय ही हैं। यह बात हम नहीं, एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ग्रामीण) 2023- बियॉन्ड बेसिक्स कह रही है। इस सर्वे में ग्रामीण भारत में छात्रों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति की तस्वीर बयां की गई है। यह सर्वे 26 राज्यों के 28 जिलों में किया गया और 34,745 युवाओं तक इस सर्वे की पहुंच रही।
और क्या-क्या कहती है यह रिपोर्ट?
- 14 से 18 आयु वर्ग में ज्यादातर छात्र आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। उसके बाद साइंस का नंबर आता है।
- कक्षा 11-12 में 55.7% ग्रामीण युवाओं की पसंद आर्ट्स विषय ही हैं। साइंस-टेक्नॉलजी-इंजिनियरिंग एंड मैथमैटिक्स (STEM) में 31.7% छात्रों की रुचि है।
- ग्रामीण छात्रों में कॉमर्स को चुनने वालों की संख्या 9.4% ही है, जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में कॉमर्स विषयों में दाखिले के लिए खासी मारामारी देखने को मिलती है।
- STEM विषयों में नामांकन करवाने वालों में लड़कों की संख्या 36.3% है, जबकि लड़कियों का आंकड़ा 28.1% है।
- बॉयज और गर्ल्स स्टूडेंट्स करीब बराबर
सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि 14 से 18 आयु वर्ग में 86.8% युवा किसी न किसी शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं और अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। लड़के और लड़कियों के नामांकन करीब-करीब बराबर हैं और अंतर कम है। लेकिन, आयु के हिसाब से देखें तो यह गैप ज्यादा नजर आता है। इस आयु वर्ग में करीब 13% युवा जो पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, उनके ज्यादा उम्र के छात्रों की संख्या है। 14 वर्ष के 3.9% और 18 वर्ष के 32.6% छात्र नामांकित नहीं है। - वोकेशनल ट्रेनिंग में ग्रामीण युवा पीछे
सर्वे में एक और खास बात निकलकर सामने आई है कि वोकेशनल ट्रेनिंग में अभी ग्रामीण युवा पीछे हैं। सर्वे में शामिल युवाओं में केवल 5.6% ही वोकेशनल ट्रेनिंग ले रहे है। कॉलेजों में पढ़ने वाले 16.2% युवा वोकेशनल ट्रेनिंग ले रहे हैं और ज्यादातर 6 महीने का कोर्स कर रहे हैं। सरकार वोकेशनल ट्रेनिंग को गांवों तक ले जाने की कई अहम योजनाओं पर काम कर रही है। पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार, 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के छात्रों के पंजीकरण का स्तर 2010 में 96.6%, 2014 में 96.7% और 2018 में 97.2% से बढ़कर 2022 में 98.4% हो गया है। रिपोर्ट में इस आशंका को निराधार बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान आजीविका का साधन नहीं होने के कारण छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया था।
घर-घर हो चुकी हैं स्मार्टफोन की पहुंच
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 90% युवाओं के घर में स्मार्टफोन हैं और उतने ही युवा इसका प्रयोग करना जानते हैं। लड़कियों (19.8%) की तुलना में दोगुने से अधिक लड़कों (43.7%) के पास खुद का स्मार्टफोन है। लड़कों की तुलना में कम लड़कियां बताती हैं कि वे स्मार्टफोन या कंप्यूटर चलाना जानती हैं। 90.5% ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया का प्रयोग किया है। लड़कियों (87.8%) की तुलना में लड़कों (93.4%) में इसका अनुपात ज्यादा है। सुरक्षा संबंध्त सेटिंग्स के बारे में ज्यादातर छात्र जानते हैं। दो तिहाई ने स्मार्टफोन का प्रयोग पढ़ाई से संबंधित गतिविधियों के लिए किया। वहीं, जिनके घर पर कंप्यूटर या लैपटॉप है, उनकी संख्या करीब 9% ही है।