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50 से अधिक वर्षों बाद फिर चांद की सतह पर मानवों को उतारने की तैयारी, जानें अब कब जाएगा अंतरिक्ष यान

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अगर सबकुछ ठीक रहा तो 50 से अधिक वर्ष बीत जाने के बाद फिर से चांद पर मानवों के कदम जल्द पड़ेंगे। हालांकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 2024 का यह मून मिशन तकनीकी वजहों से एक साल के लिए स्थगित हो गया है। अब यह 2025-26 में चांद के लिए रवाना होगा। चांद पर पहलीबार 20 जुलाई 1969 को मानव ने पहला कदम रखा था।

चांद को धरती पर भले नहीं उतारा जा सकता और अक्सर उसे धरा पर लाने की बातें कल्पनाओं में होती रहती हैं, मगर चंद्रमा पर पहली बार मानवों के उतरने का सपना 20 जुलाई 1969 को पूरा हुआ था, जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 3 वैज्ञानिकों ने पहली बार चांद की सतह पर कदम रखा था। इनमें सबसे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्म स्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा। उसके कुछ ही मिनट बाद एडविन ई ऑल्ड्रिन चांद की सतह पर उतरे और फिर  माइकल कोलिन्स. ने भी चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इस मिशन का नाम अपोलो-11 था। अमेरिका ने चांद पर पहली बार मनुष्यों को भेजकर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। उसके बाद चांद पर जाने के कई मिशन लांच हुए। वर्ष 1972 में अमेरिका ने अपोलो-17 नामक दूसरा मिशन चांद पर भेजा और नासा के वैज्ञानिक हैरिशन स्मिट ने सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग की।

अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बार फिर 50 से अधिक वर्षों बाद चांद की सतह पर एक साथ 4 मनुष्यों को उतारने की तैयारी में है। हालांकि नासा ने अपने इस मिशन को एक साल के लिए स्थगित कर दिया है। नासा ने मंगलवार को अपने चंद्रमा मिशन को स्थगित करने की घोषणा की, जिसकी वजह से अब अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा तक उड़ान भरने के लिए कम से कम अगले साल तक और उसकी सतह पर उतरने के लिए कुछ और साल का इंतजार करना होगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने इस साल के अंत में चंद्रमा की कक्षा में चार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उसने अपनी योजना को सितंबर 2025 तक के लिए टाल दिया है।

अब चांद पर फिर मनुष्यों को भेजेगा अमेरिका

मनुष्यों को एक बार फिर चांद पर उतारने की तैयारी है। मगर अमेरिका द्वारा चंद्रमा की सतह पर मनुष्य को भेजने के लिए 50 से अधिक वर्षों के बाद दोबारा उस उपलब्धि को दोहराने में भी अब समय लगेगा। नासा ने चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने की योजना भी टाल दी है और अब वह इस मिशन को 2025 के बजाय 2026 में अंजाम देने की कोशिश करेगा। यह खबर पिट्सबर्ग की एक कंपनी द्वारा चंद्रमा की सतह पर अपना यान भेजने की कोशिश को ईंधन के रिसाव की वजह से छोड़ने के महज एक घंटे बाद आई। नासा के वाणिज्यिक चंद्रमा मिशन के तहत सोमवार को प्रक्षेपित एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी के पेरेग्रीन लैंडर को अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करना था। (एपी) 

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