मुख्यमंत्री और एमएनएफ अध्यक्ष, जोरमथांगा, आइजोल पूर्व-I से चुनाव लड़ेंगे। वह 2018 के विधानसभा चुनावों में इसी सीट से चुनाव जीते थे। जबकि उपमुख्यमंत्री तावंलुइया भी अपनी तुइचांग विधानसभा सीट बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।
मिजोरम में चुनावी घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच, उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में क्षेत्रीय दल आगे हैं, वहीं राष्ट्रीय दल अब तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं कर पाए हैं। मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) भी अपने 39 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है।
आइजोल पूर्व से ही ताल ठोकेंगे जोरमथांगा
मुख्यमंत्री और एमएनएफ अध्यक्ष, जोरमथांगा, आइजोल पूर्व-I से चुनाव लड़ेंगे। वह 2018 के विधानसभा चुनावों में इसी सीट से चुनाव जीते थे। जबकि उपमुख्यमंत्री तावंलुइया भी अपनी तुइचांग विधानसभा सीट बरकरार रखने की कोशिश करेंगे। गृह मंत्री लालचामलियाना और विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सेलो चुनाव नहीं लड़ेंगे।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक नामों पर अंतिम फैसला लगभग हो चुका है, केवल घोषणा बाकी है। जल्द ही नामों की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों का चयन हो चुका है, जल्द नामों की घोषणा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी की मिजोरम यात्रा के दौरान सूची जारी हो सकती है।
पांच निर्दलीय विधायकों ने दिया इस्तीफा
बता दें कि मिजोरम में पांच निर्दलीय विधायक मंगलवार को त्यागपत्र दे चुके हैं। पूर्वोत्तर राज्य में चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है। इससे पहले कांग्रेस के विधायक केटी रोखव और पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक के बिछुआ ने इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में इस्तीफा देने वालों की संख्या सात हो गई है।
मंगलवार को जिन पांच विधायकों ने इस्तीफे दिए उनमें आइजॉल पश्चिम-3 के वीएल जैथनजामा, उत्तर-2 के वनलालथलाना, दक्षिण-1 केसी लालसविवुंगा और उत्तर-1 निर्वाचन क्षेत्र के वनलाल्हलाना शामिल है। ये सभी विधायक मूल रूप से जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) से जुड़े हुए हैं, लेकिन इन्होंने 2018 में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था।