असम और मेघायल के बीच सीमा विवादों के समाधान को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री आपस में बैठक करेंगे। एक अधिकारी के अनुसार, इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों को भी सुलझाया जाएगा।
असम और मेघालय के बीच सीमा विवादों के समाधान को लेकर दोनों राज्य के मुख्यमंत्री आपस में बैठक करेंगे। एक अधिकारी के अनुसार शनिवार शाम दोनों के बीच सीमा विवाद को लेकर मुलाकात होगी। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, 26 सितंबर को कार्बी आंगलोंग और पश्चिम जैंतिया जिलों के दो सीमावर्ती गांवों के लोगों के बीच हुई हिंसा पर भी चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने कहा, सरमा और संगमा आखिरी बार 24 मई को मिले थे और सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए फिर से मिलने पर सहमत हुए थे। साथ ही, दोनों मुख्यमंत्रियों ने दोनों राज्यों के कार्बी आंगलोंग-पश्चिम जैंतिया हिल्स जिलों की सीमा पर विवादित क्षेत्रों का दौरा करने पर सहमति व्यक्त की थी।
मेघालय को 1972 में असम से अलग कर एक अलग राज्य बनाया गया था। इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिसके कारण दोनों राज्यों के बीच 884.9 किमी लंबी सीमा के 12 क्षेत्रों में विवाद पैदा हो गया था। मई, 2021 में मुख्यमंत्री का पदभार संभालने पर सरमा ने घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिकता असम के पड़ोसी राज्यों के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवादों को हल करना है।
समस्याओं को हल करने के लिए समितियों का हुआ था गठन
चरणबद्ध तरीके से समस्या का हल करने के लिए अगस्त 2021 में तीन क्षेत्रीय समितियां स्थापित की गई। समितियों ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थी, जिन्हें दोनों मुख्यमंत्रियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंप दिया था। जिसके बाद कुल 12 क्षेत्रों में से छह में विवादों को हल करने के लिए 29 मार्च, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार, पहले चरण में 36.79 वर्ग किमी विवादित क्षेत्र को निपटान के लिए लिया गया था, जिसमें असम को 18.51 वर्ग किमी और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी पर पूर्ण नियंत्रण मिला था