नोबेल शांति पुरस्कार विजेता रूस के वरिष्ठ पत्रकार दिमित्री मुरातोव ने यूक्रेन में बेघर हुए बच्चों की सहायता के लिए अपना पदक नीलाम करने का फैसला किया है। उनके पदक की नीलामी सोमवार रात (भारतीय समयानुसार मंगलवार तड़के) होनी है। यह नोबेल पदक 23 कैरेट सोने से निर्मित और 175 ग्राम वजन का है। इस पर महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की मुखाकृति अंकित है। नीलामी से मिली धनराशि संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ को मिलेगी। यह प्रतिष्ठित संस्था धनराशि को यूक्रेनी बच्चों के कल्याण के लिए खर्च करेगी।
पत्रकार मुरातोव यूक्रेन में चल रहे रूस के सैन्य अभियान के खिलाफ हैं। रूस के हमलों की वजह से बेघर, विकलांग, अनाथ और पढ़ाई से दूर हुए यूक्रेनी बच्चों की सहायता के लिए उन्होंने 2021 में मिला नोबेल शांति पुरस्कार का स्वर्ण पदक नीलाम करने का फैसला किया। मुरातोव को फिलीपींस की महिला पत्रकार मारिया रेसा के साथ यह पुरस्कार दिया गया था। दोनों को अलग-अलग पदक दिए गए थे। मुरातोव का कहना है कि रूस में मीडिया की स्वतंत्रता में गिरावट आ रही है। यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान के समर्थन में बहुत कम रूसी लोग हैं।
मुरातोव रूस के लोकप्रिय रहे अखबार नोवाया गजेटा के सह संस्थापक और प्रधान संपादक रहे हैं। इस अखबार का प्रकाशन 1993 में पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को नोबेल शांति पुरस्कार में मिली धनराशि से हुआ था। इस अखबार का रुख हमेशा सत्ताविरोधी रहा और इसने कभी भी क्रेमलिन के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने में संकोच नहीं किया। वर्षों तक सरकार के लगाए प्रतिबंधों को सामना करते हुए इस अखबार के प्रिंट और आनलाइन संस्करण मार्च में अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गए। मुरातोव ने यह निर्णय सरकार के उस फैसले को देखते हुए लिया जिसमें सरकार के रुख के खिलाफ यूक्रेन युद्ध की खबर प्रकाशित करने पर 15 साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।