अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन से रेलवे को बड़ी संख्या में ट्रेनें निरस्त करनी पड़ीं। लखनऊ मंडल में बीते तीन दिनों में 180 से अधिक ट्रेनों को निरस्त किया गया। ऐसे में इनसे सफर करने वाले नौ हजार यात्रियों को रेलवे ने रविवार तक 52 लाख रुपये रिफंड किए हैं।
सियालदाह, सद्भावना, न्यू जलपाईगुड़ी, नाहरलागुन एक्सप्रेस सहित दर्जनों ट्रेनें अग्निपथ के विरोध की भेंट चढ़ गईं। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से यात्रियों व ट्रेनों की सुरक्षा को देखते हुए बड़ी संख्या में गाड़ियों को रद्द किया गया।
पंजाब, दिल्ली, हावड़ा रूट की ट्रेनें कैंसिल होने से टिकट का रिफंड लेने वालों की भीड़ रेलवे स्टेशनों पर उमड़ गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आरक्षण केंद्रों से नौ हजार लोगों को तीन दिनों में 52 लाख रुपये से अधिक का रिफंड दिया गया है।
अकेले रविवार को मंडल में तीन हजार यात्रियों को 17 लाख रुपये रिफंड किए। अनुमान जताया जा रहा है कि ऑनलाइन व ऑफलाइन मिलाकर करीब 65 हजार यात्रियों का एक करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड दिया जाना है।
इधर, ट्रेनों के इंतजार में छूट रहा पसीना
अग्निपथ के विरोध से ट्रेनों की लेटलतीफी भी जारी है। वहीं, चारबाग व लखनऊ जंक्शन पर इनका इंतजार कर रहे यात्रियों के पसीने छूट रहे हैं। ट्रेनें तीन से चार घंटे देरी से पहुंच रही हैं। वहीं, कई ट्रेनों को रास्ते में रोककर चलाया जा रहा है तो कई को निरस्त किया गया है। इससे बाकी ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है।