क्लाइमेट सेंट्रल हर दिन अपने जलवायु परिवर्तन सूचकांक (सीएसआई) के माध्यम से उच्च तापमान के प्रभावों का विश्लेषण करता है। इसके तहत 1 से 31 जुलाई तक 200 देशों के 4,700 शहरों के विश्लेषण में शामिल किया गया था।
ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अल नीनो के कारण जुलाई, 2023 सबसे गर्म महीना था। इसका प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया गया। उत्तरी गोलार्ध के कई क्षेत्रों को एक साथ हीटवेव का सामना करना पड़ा। क्लाइमेट सेंट्रल द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 80 फीसदी आबादी ने एक दिन उच्च तापमान का अनुभव किया। यह उच्चतम तापमान सामान्य से तीन गुना अधिक थाक्लाइमेट सेंट्रल हर दिन अपने जलवायु परिवर्तन सूचकांक (सीएसआई) के माध्यम से उच्च तापमान के प्रभावों का विश्लेषण करता है। इसके तहत 1 से 31 जुलाई तक 200 देशों के 4,700 शहरों के विश्लेषण में शामिल किया गया था। जुलाई में सभी महाद्वीपों पर तापमान ने नए रिकॉर्ड बनाए। चीन में 16 जुलाई को पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक तापमान 52.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। उत्तरी अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका के फीनिक्स शहर, एरिजोना का तापमान लगातार 31 दिनों तक रिकॉर्ड 43.3 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सर्दियां सामान्य से अधिक गर्म रही। पेरू और उरुग्वे जैसे कई दक्षिण अमेरिकी देशों में सर्दियों में लू चली। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा कम से कम 2 अरब लोगों, यानी वैश्विक आबादी का 25 फीसदी ने जुलाई के प्रत्येक दिन सीएसआई तीन या अधिक के जलवायु परिवर्तन के प्रभाव महसूस किए। तापमान का कहर 10 जुलाई को चरम पर था जब 3.5 बिलियन लोगों ने तीन या इससे अधिक के सीएसआई स्तर का अनुभव किया।
छोटे द्वीप सबसे अधिक प्रभावित
सबसे बुरा असर छोटे द्वीप विकासशील राज्यों पर पड़ा। इनमें कैरेबियन क्षेत्र के 11 देश शामिल हैं। यह सभी देश जुलाई के उच्चतम औसत सीएसआई स्तर पांच वाले 28 देशों में शामिल हैं। 768 शहर ऐसे थे जिनका औसत सीएसआई चार से अधिक था। जुलाई के सभी 31 दिनों में जेद्दा में उच्चतम औसत सीएसआई 4.9 दर्ज किया गया। इस दौरान 5.8 उच्चतम सीएसआई वाला शहर ट्यूनिस, ट्यूनीशिया था।