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साइबर ठगी के पीड़ितों के खाते में बैंक फौरन डालें पैसा, वित्तीय मामलों की संसदीय समिति की सिफारिश

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संसदीय समिति ने कहा कि ठगी के शिकार ग्राहकों को तीन दिन में अपने से हुए अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा जा रहा है। यह अवधि बढ़ाकर 7 दिन कर देनी चाहिए। ग्राहकों को इससे राहत मिलेगी।

साइबर फ्रॉड में ग्राहकों के खातों से कटा पैसा उनके संबंधित बैंक व वित्तीय संस्थान खुद व तुरंत लौटाएं। यह सिफारिश वित्तीय मामलों पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने की है। लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट में भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने कहा कि आरबीआई को खुद ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान ग्राहकों से ठगा गया पैसा ऑटोमेटिक प्रणाली से लौटाना अपनी जिम्मेदारी मानें। रिपोर्ट में कहा गया कि साइबर अपराध लगातार नये-नये रूप में सामने आ रहे हैं, ग्राहकों को इनसे बचाने के लिए बेहद जटिल सुरक्षा तंत्र होना चाहिए।

तीन नहीं सात दिन में दर्ज हों शिकायतें
समिति ने कहा कि ठगी के शिकार ग्राहकों को तीन दिन में अपने से हुए अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा जा रहा है। यह अवधि बढ़ाकर 7 दिन कर देनी चाहिए। ग्राहकों को इससे राहत मिलेगी।

कई बार लेनदेन के एसएमएस क्यों नहीं आ रहे?
समिति ने एक अन्य गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया कि खातों से लेन-देन का एसएमएस ग्राहकों को अक्सर नहीं भेजा जा रहा। सूचनाएं तत्काल नहीं भेजी जाएंगी, तो अपराधियों द्वारा खातों से पैसा उड़ाते वक्त भी लोगों को सूचना नहीं मिलेगी और अपराध होता रहेगा। संसदीय समिति ने कड़े शब्दों में कहा-संस्थान एसएमएस नोटिफिकेशन सेवाएं तत्काल सुधारें।

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