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आज संसद के बाहर मीडिया से बात करेंगे मणिपुर से लौटे सांसद, अनुराग ठाकुर बोले- सदन में अनुभव साझा करें

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को मणिपुर से लौटे विपक्षी सांसदों से जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा में शामिल होने और यात्रा से अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया।

इस समय जहां राजधानी दिल्ली में संसद में मानसून सत्र चल रहा है वहीं, दूसरी ओर मणिपुर में जातीय हिंसा भी जारी है। मणिपुर की हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष भारी हंगामा कर रहा है। विपक्ष सरकार से इस मुद्दे पर बहस करने और दोनों सदनों में पीएम मोदी के बयान पर अड़ा है। इसी क्रम में, विपक्षी गुट भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के 16 दलों के 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया। विपक्षी सांसद शनिवार को मणिपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों में जाकर पीडितों से मुलाकात भी की। वहीं, रविवार को प्रतिनिधमंडल वापस राष्ट्रीय राजधानी लौट आया है। इसके बाद, इस पर फिर बयानबाजी तेज हो गई है। जहां विपक्ष ने मणिपुर के हालात को राज्य के हालात चिंताजनक बताया है। वहीं, भाजपा ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए संसद में बहस करने को कहा है। भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने रविवार को कहा कि विपक्षी सांसद सदन में मणिपुर के अपने अनुभव साझा करें।

विपक्षी सांसदों से जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा करने को कहा
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को मणिपुर से लौटे विपक्षी सांसदों से जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा में शामिल होने और यात्रा से अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया। अनुराग ठाकुर ने विपक्षी सदस्यों पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद राज्य में जातीय हिंसा पर बहस की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के चालू सत्र से पहले ही मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर कड़ा बयान दे चुके हैं।

पुरानी सरकार पर लगाए आरोप
अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्षी सदस्यों से मेरी अपील है कि वे पूरे देश को बताएं कि कांग्रेस के शासन में मणिपुर छह महीने तक कैसे जलता रहता था, सैकड़ों लोगों की जान चली जाती थी और फिर भी किसी गृहमंत्री या प्रधानमंत्री ने संसद में कोई बयान नहीं दिया। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग कर रहा है, जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है।

आज संसद के बाहर मीडिया से बात करेंगे मणिपुर से लौटे सांसद
संयुक्त विपक्ष के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल संसद भवन में अपने अनुभवों को मीडिया के साथ सोमवार की सुबह साझा करेगा। इन सांसदों के मुताबिक, राज्य के हालात चिंताजनक है। इन सांसदों का कहना है कि मणिपुर में राज्य सरकार की कार्यप्रणाली से आम जन बेहाल है। केंद्र को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।

पात्रा बोले -कल से फिर से राजनीति शुरू होगी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को मणिपुर दौरे के समापन पर विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कल से फिर से राजनीति शुरू होगी। उन्होंने कहा कि संवेदनशील मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि संवेदनशीलता के साथ ऐसे मुद्दे को देखना चाहिए। पात्रा बोले कि गृहमंत्री कह चुके हैं कि हम संसद में खुली बहस के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष के लोग इससे भाग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आप पूर्वोत्तर में इतने लंबे समय तक सत्ता में थे। क्या कारण है कि मणिपुर और म्यांमार के बीच 400 किलोमीटर लंबी सीमा पर एक किलोमीटर भी बाड़ नहीं लगाई गई? हमारी सरकार ने ही पूरा सर्वे किया, 10 किमी की बाड़ लगाई जा चुकी है और 80 किमी क्षेत्र पर काम चल रहा है। ऐसा पहले क्यों नहीं किया गया….।

पीएम को बयान देने के लिए मजबूर करने के लिए विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने की तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।

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