विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है। इसी के तहत इग्नू भी चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम तैयार कर रहा है।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत शैक्षणिक सत्र जनवरी 2024 से चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है।इसमें ह्यूमैनिटीज, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के सभी कोर्स शुरू शामिल होंगे। चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई 13 भारतीय भाषाओं में करवाने की तैयारी है। इसके लिए स्ट्डी मेटिरियल तैयार किया जा रहा है। खास बात यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी दूरस्थ माध्यम (डिस्टेंस लर्निंग मोड) से पढ़ाई करवाने वाला इग्नू ऑनलाइन डिग्री के बाद अब स्किल इंडिया मिशन के तहत कौशल या व्यावसायिक शिक्षा को भी जोड़ने की तैयारी कर रहा है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है। इसी के तहत इग्नू भी चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम तैयार कर रहा है। हालांकि सामान्य विश्वविद्यालयों की तुलना में दुनिया और देश के सबसे बड़े दूरस्थ माध्यम से पढ़ाई करवाने वाले विश्वविद्यालय यानी इग्नू का पाठ्यक्रम और कोर्स सब अलग होगा। इग्नू के विशेषज्ञ ह्यूमैनिटीज, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम के सभी कोर्स का स्ट्डी मेटिरियल तैयार करने में जुटे हुए हैं। यह स्टडी मेटीरियल भारतीय भाषाओं में होगा। हालांकि जनवरी 2024 से शुरू होने वाले चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम के पहले चरण में छह से सात भाषाओं से शुरुआत होगी। अभी तक कुछ प्रोफेशनल और मैनेजमेंट (सिर्फ अंग्रेजी) के प्रोग्राम को छोड़कर अन्य सभी कोर्स का स्ट्डी मेटीरियल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। बीए, बीकॉम, बीएससी इन मेजर होगा नाम : चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम का नाम ह्यूमैनिटीज में बीए -इन-मेजर तो कॉमर्स में बीकॉम
इन मेजर और साइंस स्ट्रीम में बीएससी-इन मेजर नाम होगा
छात्र के पास मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का विकल्प होगा। एक साल की पढ़ाई में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में बीए, बीकॉम या बीएससी इन मेजर की डिग्री मिलेगी। इग्नू कौशल या व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ने की तैयारी कर रहा है। स्किल इंडिया मिशन और एनईपी 2020 के तहत कौशल या व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई, ट्रेनिंग करवाई जाएगी। फिलहाल विश्वविद्यालय नृत्य, संगीत, नाट्यशाला, कंप्यूटर, ट्रांसलेशन, रेडियो, टेलीविजन राइटिंग कोर्स में इसकी शुरुआत करेेगा। क्योंकि विश्वविद्यालय के पास इसका सेटअप बना हुआ है। इसमें यूजीसी के दिशा-निर्देशों के तहत कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय मदद करेगा।