निखिल को बीते महीने आठ आरोपों में दोषी ठहराया गया था। इन आरोपों में सरकारी कर्मचारी के काम में दखल देने और उसको रोकने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना, मादक पदार्थ(भांग) को साथ रखना और मेथामफेटामाइन का सेवन करना शामिल था।
सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को 10 साल से अधिक की जेल सुनाई गई है। इतना ही नहीं उनपर 4000 हजार सिंगापुर डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। दोषी ठहराए गए व्यक्ति का नाम निखिल एम दुर्गुडे है। उसपर आरोप है कि उसने साल 2020 में छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारी के साथ हिंसा करते हुए अधिकारी को मुक्का और लात मारी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निखिल को बीते महीने आठ आरोपों में दोषी ठहराया गया था। इन आरोपों में सरकारी कर्मचारी के काम में दखल देने और उसको रोकने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना, मादक पदार्थ(भांग) को साथ रखना और मेथामफेटामाइन का सेवन करना शामिल था। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि सजा सुनाने से पहले उसके खिलाफ लगे 15 अन्य आरोपों पर भी सुनवाई की गई। उन्हें चोरी, धोखाधड़ी और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए अगस्त 2022 में तीन साल और 10 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाने सहित उनके अन्य आरोप अभी भी लंबित हैं।यहां की एक जिला अदालत के न्यायाधीश जसविन्दर कौर ने सजा का एलान करते हुए कहा कि निखिल ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की। यह यह अधिकार के प्रति घोर उपेक्षा को दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित अधिकारी को कानून पर्याप्त रूप से संरक्षण देगा।
क्या था मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2020 में पांच नवंबर को वरिष्ठ स्टाफ सार्जेंट चुआ मिंग चेंग और इंस्पेक्टर झेंग यियांग सहित तीन अधिकारी धोखाधड़ी के मामले में जांच के लिए बैलेस्टियर में सिटी सूट्स की एक इकाई में गए थे। वहां उन्होंने खुद को पुलिस बताते हुए निखिल और उसके साथियों, प्रकाश मथिवनन और मलानी नायडू प्रभाकर को अपना परिचय दिया। इसी दौरान, प्रकाश ने स्टाफ सार्जेंट चुआ पर हमला कर दिया। साथ ही उसने अधिकारी के चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर भी वार किया। वहीं, जब इंस्पेक्टर झेंग ने प्रकाश पर अपनी रिवॉल्वर तानकर हमला बंद करने के लिए कहा, तो प्रकाश ने उसके हाथ पकड़ लिए। जब तक चुआ उठकर इंस्पेक्टर झेंग की सहायता कर पाता तब तक निखिल ने उस पर हमला कर दिया। उसे बार-बार मुक्का और लात मारना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, निखिल को केंद्रीय पुलिस प्रभाग मुख्यालय ले जाया गया, जहां जांच में पता चला कि उसने मेथामफेटामाइन का सेवन कर रखा था।